बिलासपुर—अन्तरार्ष्ट्रीय योग दिवस पर सीएम,नेता अधिकारी से लेकर आम और खास सभी ने अपने घर में योग का आसन लगाया। सभी ने आम जनता को जीवन में योगासन को नियमित रूप से विशेष स्थान देने को कहा। कलेक्टर सारांश मित्तर ने कहा कि योगासन सदियों से हमारी परम्परा का अभिन्न हिस्सा रहा है। मेयर और आईजी ने बताया कि हमारा शरीर प्रकृति के तत्वों से बना होता है। योग के माध्यम से ही प्राकृतिक रूप से शरीर को रोग प्रतिरोधी बनाया जा सकता है।
कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने अपने आवास पर योग किया। कलेक्टर ने बताया कि वह मेडिकल के छात्र रहे हैं। अच्छी तरह से जानते हैं कि निरोगी रहने के लिए जीवन में योग का कितना महत्व है। दवाईयों से रोग का उपचार सामान्य बात है। मेडिकल जगत का भी मानना है कि जिसने भी योग क्रिया को गंभीरता से लिया है..उसके पास रोग का फटकना तो दूर..उसे कभी भी दवा की जरूरत नहीं होती।
योग..सदियों से हमारी दैनिक जीवन का हिस्सा रहा है। प्रगति के साथ हमने योग बहुत गंभीरता से नही लिया। जिसके चलते शरीर नए नए रोग का घर बन गया। दुनिया ने योग को अपनाकर संदेश दिया कि इस क्रिया से शरीर का प्राकृतिक रूप से इलाज होता है। कहा भी जाता है कि बनो योगी..रहोगे निरोगी।
आईजी रतनलाल डांगी ने भी अपने आवास में योग का अभ्यास किया। उन्होने बताया कि योग की एक एक क्रिया शरीर के एक एक अंग को प्रभावित करता है। नियमित योग करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तन मन स्वस्थ्य रहता है। विकार का नाश होता है। तनाव से मुक्ति मिलती है। आईजी ने यह भी कहा कि योग करने से शरीर का एक एक रोम खुल जाता हैं। सारे विषाक्त तत्व शरीर से बाहर आ जाते हैं। इंसान दिन भर अपने आप को तरो ताजा महसूस करता है।
मेयर ने भी अपने आवास में योगासन के कई मुद्राओं को सफल बनाया। मेयर ने बताया कि हमने अपनी विरासत को जब भी भुलाने का प्रयास किया। इसका खामियजा हमें ही भुगतना पड़ा है। हम मात्र कुछ मिनट का समय देकर शरीर को स्वस्थ्य बनाकर रख सकते हैं। योग के नियमित अभ्यास से छोटे मोटे रोग से सहज ही छुटकारा पा सकते हैं। मेयर ने बताया कि कोरोना काल में योग क्रिया का विशेष महत्व देखने को मिला है। बेहतर इम्यून सिस्टम वाले रोगियों ने कोरोना को आसानी से मात दिया है।