सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आयोग ने की बैठक, चुनावी मुद्दों पर की चर्चा

Shri Mi
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दिल्ली।निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने सोमवार को दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की और देश में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े कई मुद्दों की समीक्षा की. इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने की, जिन्होंने ‘विशेषकर मतदाता पंजीकरण के संबंध में सभी लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण’ पर जोर दिया.आयोग के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि सम्मेलन में मतदाता सूची, मतदान केंद्रों, चल रहे विशेष सारांश संशोधन, आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) अनुप्रयोगों, शिकायतों का समय पर समाधान, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), वीवीपीएटी, मतदान कर्मचारियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, मीडिया और संचार और व्यापक मतदाता पहुंच कार्यक्रम संबंधित विभिन्न विषयगत मुद्दों पर चर्चा और समीक्षा की गई.

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निर्वाचन अधिकारियों के कार्य के महत्व पर जोर

बयान में कहा गया कि चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के कार्य के महत्व पर जोर दिया क्योंकि वे राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसमें कहा गया, ”उन्होंने (मुख्य निर्वाचन आयुक्त) मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने, न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता और सभी मतदाताओं के लिए सभी मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा.”चंद्रा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि बेहतर मतदाता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को राजनीतिक दलों की शिकायतों के निवारण के लिए, यदि कोई हो, उनके साथ नियमित रूप से बातचीत करनी चाहिए.’’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने ‘जोर दिया’ कि चुनाव से संबंधित गतिविधियों के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा नई पहल और सर्वोत्तम तरीकों को नियमित रूप से मीडिया के माध्यम से प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि पहुंच को बढ़ाया जा सके.उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य देशभर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आयोग के निर्देशों को समान रूप से लागू करने के लिए अंतराल और चुनौतियों की पहचान करना था.

चुनाव आयुक्तों-राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडेय ने भी सम्मेलन में भाग लिया और अधिकारियों से बात की. कुमार ने कहा कि चुनाव का कानूनी और नियामक ढांचा काफी मजबूत है, लेकिन आयोग के विभिन्न निर्देशों का क्षेत्र में क्रियान्वयन बहुत महत्वपूर्ण है.बयान में कहा गया, ‘उन्होंने (कुमार) जोर देकर कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को नवोन्मेषी होने, अधिक सक्रिय होने और एक-दूसरे के सर्वोत्तम तरीकों और चुनौतियों से सीखने की जरूरत है.’

पांडेय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से बीएलओ (बूथ स्तर के अधिकारियों) का अच्छा प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने को कहा क्योंकि निर्वाचन आयोग की गतिविधियों की प्रभावशीलता क्षेत्र स्तर के चुनाव अधिकारियों द्वारा प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करती है.बयान में कहा गया है, ‘उन्होंने (पांडेय) इस बात पर जोर दिया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि स्थानीय मीडिया के साथ सही जानकारी और तथ्य नियमित रूप से साझा किए जाएं.’

सम्मेलन में ‘चुनाव कानून पर मामलों का संग्रह’ और ‘मतदाताओं के लिए सूचना पुस्तिका’ सहित कई प्रकाशन जारी किए गए. बयान में कहा गया कि पुस्तिका में मतदाता पंजीकरण, डाक मतपत्र, ईवीएम-वीवीपीएटी के माध्यम से वोट डालने और मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं संबंधी व्यापक जानकारी शामिल है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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