प्रदेश के साथ कांग्रेस ने खोया..सच्चा नेता..मोतीलाल वोरा का निधन..राहुल गांधी ने कहा.हमेशा खलेगी कमी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर/ नई दिल्ली—- काग्रेस के कद्दावर और वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का आज सुबह इलाज के दिल्ली के फोर्टीज अस्पताल में निधन हो गया। मोतीलाल वोरा 93 साल के थे। मोतीलाल वोरा एआईसीसी में लम्बे समय तक कोषाध्यक्ष पद रह चुके हैमं। इसके अलावा मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ और अविभाज्य मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। एक दिन पहले ही उन्होने 93 वां जन्मदिन दिल्ली में मनाया है। मोतीलाल वोरा अविभाज्य मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा एआईसीसी में 18 साल तक कोषाध्यक्ष पद पर रहकर कांग्रेस की सेवा की है। उन्होने गांधी परिवार का बहुत नजदीक माना जाता था।

            वोरा के निधन पर प्रदेश में शोक है। मुख्यमंत्री समेत बिलासपुर जिले के वरिष्ठ नेताओं ने वोरा के निधन पर गहरा शोक जाहिर किया है। कांग्रेस नेताओं ने बताया कि राजनीति के पितामह मोतीलाल वोरा ने जमीन से यात्रा शुरू की। यात्रा के साथ उन्होने राजनीति को ऊंचाई दी है। उन्होने हमेशा साफ सुथरी राजनीति की। जनहित में हमेशा समर्पित रहकर काम किया। बहुत विनम्र और मृदुभाषी मोतीलाल वोरा गुटबाजी की राजनीति नहीं की। दुर्ग से उन्होने विधायक, सांसद की यात्रा की है। और प्रदेश का नाम देश में ऊंचा किया है। 

राहुल गांधी ने जताया गहर दुख
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में वोरा के निधन पर गहरा दुख जाहिर करते हुए लिखा कि हमने सच्चा कांग्रेसी और जबर्दस्त इंसान खो दिया है। कांग्रेस परिवार को उनकी कमी खलेगी। उनके परिवार से साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं।

दो बार बने मुख्यमंत्री

          मोतिलाल वोरा ने अपनी राजनीति यात्रा  1968 में समाजपार्टी शुरू की।  म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य बने। 1970 में कांग्रेस में शामिल हुए। और अंत तक पार्टी की सेवा में अपने को अर्पित किया।  1972 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने। 1977 और 1980 में भी विधायक चुने गए। अर्जुन सिंह की कैबिनेट में उच्च शिक्षा विभाग में राज्य मंत्री बने । 1983 में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। 1981-84 के दौरान मध्यप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन का भी कार्यभार संभाला।

              1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। 13 फरवरी 1988 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य-परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। अप्रैल 1988 में वोरा मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे।

जोधपुर रियासत में हुआ जन्म
मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को नागौर राजस्थना जोधपुर रियासत में हआ। पिता मोहनलाल वोरा और मां का नाम अंबा बाई था। विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था। चार बेटियां और दो बेटे हैं। बेटा अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं।

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