साजिशः पटवारियों का ब़ड़ा खेल..जमीन चोरों के साथ सरकारी जमीन को बना दिया निजी..निजी को बनाया विवादित..तोरवा,चिल्हाटी बना खेल मैदान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पटवारी जो ना करे कम है..इस समय अरपा पार क्षेत्र के कुछ पटवारी शहर में जमीन के भूखे धनिक लोगों को खोज खोज कर जमीन बांट रहे हैं। और जमकर कमा भी रहे हैं। पूंजीपतियों की बिगड़ी औलाद..दो गुना कमाने के चक्कर में पटवारियों के साथ जमीन चोरी की अपराध को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं। पूंजीपतियों की बिगड़ी औलाद..पटवारियों के साथ मिलकर कहीं निजी जमीन को विवादास्पद..तो कहीं दस्तावेज में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन को हथियाने से बाज नहीं आ रहे हैं। मजेदार बात है कि मामला जाहिर होने के बाद जमीन चोर पूंजीपतियों की बिगड़ी औलाद खुद को बेगुनाह बता रहे हैं..बल्कि सारा आरोप पटवारियों के सिर पर खपल रहे हैं। जबकि गुनाह में दोनों बराबर के भागीदार हैं।

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तोरवा चिल्हाटी पहुंचा माफियों का काफिला

               पिछले कुछ सालों से जमीन चोरों का काफिला लिंगियाडीह से राजकिशोर नगर, तोरवा मोपका से होकर चिल्हाटी क्षेत्र में पहुंच गया है। जमीन की भूखी पूंजीपतियों की औलाद..क्षेत्र के पटवारियों से मिलकर जमीन हथियाने का खेल व्यापक स्तर पर कर रहे हैं। किसी भी मौके वाली  निजी जमीन को हथियाने के लिए किसी भी सीमा को पार करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। साथ ही मौके की सरकारी जमीन को हथियाने..राजस्व विभाग के तहखाने में रखे दस्तावेज में भी कूट रचना करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात कि जमीन चोरों का सहयोग कोई और नहीं बल्कि सरकारी जमीन के रखवाले पटवारी ही कर रहे हैं। ऐसा कर मोटी रकम भी हासिल कर रहे हैं। 

खतरे में सरकारी जमीन

            मोपका.तोरवा, चिल्हाटी,राजकिशोर नगर क्षेत्र में बची खुची सरकारी जमीनों को पूंजीपतियों की नई पीढ़ी..सरकारी दस्तावेजों में कूटरचना कर हड़प रही है। इस खेल में क्षेत्र के पटवारियों की भूमिका बहुत ही अहम है। चाहे तोरवा हो या मोपका क्षेत्र…या फिर चिल्हाटी में सरकारी जमीनों की चोरी का मामला ही क्यों ना हो..। इन क्षेत्रों की सरकारी जमीनों को गलत सीमांकन और डीएससी के बाद चोरी की जा रही है। इस काम को अंजाम नई पीढ़ी के भूमिफाया दे रहे हैं। 

दस्तावेजों से छेड़छाड़

                नई पीढ़ी के भूमाफिया ने कूटरचना से हासिल की गयी सरकारी जमीन को बेचना भी शुरू  कर दिया है। कुछ जमीन चोरों ने तो पुराना काम खत्म कर नई सरकारी जमीन भी तलाशना शुरू कर दिया है। तलाश में पटवारी भी सहयोग कर रहे हैं। खासकर इस समय जमीन चोरों की पैनी नजर चिल्हाटी क्षेत्र की सरकारी जमीनों पर है। इसमें कई जमीनों की जानकारी सीजीवाल को भी है।

पटवारियों से मिली भगत..दस्तावेजों से छेड़छाड़

                   राजकिशोर नगर के कुछ स्थानीय लोगों के अलावा राजस्व विभाग के पुराने अधिकारियों ने बताया कि जमीन हड़पने का खेल…बिना पटवारियों के सम्भव नहीं है। इसमें अन्य अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं..इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ में पटवारियों की भूमिका अहम होती है। पिछले दो एक साल में अरपापार आधा दर्जन पटवारियों ने इस काम को बखूबी से अंजाम दिया है। क्योंकि पटवारी किसी भी सरकारी जमीन को दस्तावेज में छेड़छा़ड़ कर मोटी रकम लेकर पैसों वालों के नाम कर सकता है। इतना ही नहीं मौके की किसी भी निजी जमीन को विवादित भी कर सकता है।

निजी जमीन को विवादित बनाने में माहिर

                                      निजी जमीन को विवादित बनाने का सबसे बड़ा उदाहरण इस समय मोपका राजकिशोर नगर क्षेत्र में देखा जा सकता है। सेठों की नई पीढ़ी ने पटवारी के साथ मिलकर आरआर रिसार्ट की बगल की खाली बहुत बड़ी जमीन को विवादास्पद बना दिया। जमीन सुन्दर सिंह की है। पिछले दो साल में 90 साल से अविवादित जमीन को पटवारियों ने जमीन माफियों से मिलकर विवादित बना दिया है।  मुख्य मार्ग से लगी इस जमीन की कीमत करोड़ों में  है। तीन चार युवा भू-माफियों ने पटवारी से मिलकर किलोमीटर दूर स्थित एक जमीन को उडाकर अविवादित जमीन में बैठा दिया। इतना ही नहीं जमीन माफियों के इशारे पर उडाई गयी जमीन को पटवारी ने खसरा नम्बर 147 के बगल से गुजरने  वाली सड़क के किनारे बैठाया। बात जब नहीं बनी तो युवा जमीन माफियों ने क्षेत्र के हल्के में खसरा नम्बर 148 पैदा किया। इस खसरे को 147 के सामने सड़क किनारे होना बताया। जबकि राजस्व जानकारों का कहना है कि इस क्षेत्र में साल 1929 से आज तक खसरा नम्बर 147 कभी था ही नहीं। बहरहाल मामला अभी कोर्ट में है।

सरकारी जमीन की खरीदी बिक्री

            बताते चलें कि जमीन को विवादित बनाने वाले जमीन माफियों की युवा टीम इस समय मोपका और चिल्हाटी में सरकारी जमीन बेचने में मस्त हैं। साथ ही नई जमीनों को हथियाने को लेकर तिकड़म भी लगा रहे हैं।

           जानकारी देते चलें कि जमीन को विवादित बनाने वाले नए खून के यह लड़के..शहर के बहुत बड़े पूंजीपतियों के बेटे हैं। जिन्होने तोरवा और चि्हाटी में कई सरकारी जमीनों के दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर हथिया लिया है। इस समय सरकारी जमीन की खरीदी बिक्री कर रहे है।

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