Chhattisgarh
दीक्षांत समारोहः 92 गोल्ड, 48 डॉक्टरेट…राज्यपाल डेका ने कहा…गतिशील दुनिया में कौशल ज्ञान जरूरी..कार्यक्रम में शामिल हुई फर्स्ट लेडी
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश को मानद डॉक्टरेट
बिलासपुर—राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित 5वें दीक्षांत समारोह में शिरकत किया। 64 विषयों में विद्यार्थियो को 92 गोल्ड मेडल तथा 48 को पी.एच.डी. और 35 हजार 291 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा शामिल हुए। भारतीय न्याय व्यवस्था में अमूल्य योगदान पर पी.एच.डी. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरूण साव, राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी शामिल हुई। विशिष्ट अतिथि विधायक अमर अग्रवाल, विधायक धरम लाल कौशिक, विधायक धरमजीत सिंह, विधायकसुशांत शुक्ला, विधायक अटल श्रीवास्तव और विधायक दिलीप लहरिया भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
समारोह को राज्यपाल रमेन डेका ने संबोधित किया। विश्वविद्यालय हमारी सामूहिकता, ज्ञान और संस्कृति के संरक्षक है। ऐसे स्थान है जहां इतिहास संरक्षित किया जाता है। साहित्य का विश्लेषण किया जाता है। आप अपनी पढ़ाई के माध्यम से विचार के विविध क्षेत्रों मेें जुड़ रहें है। मानवता के बारे में आपकी विचार को समृद्ध किया जा रहा है। भारत सरकार की राष्ट्र शिक्षा नीति 2020 दूरदर्शिता का प्रतिनिधित्व करती है। इसका उद्देश्य युवाओं को तेजी से गतिशील दुनिया में आगे बढ़नेे के लिए कौशल और ज्ञान से परिपूर्ण करना है।
विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों को न केवल उभरते हुए रूझानों और प्रौद्योगिकियों के प्रति गतिशील और उत्तरदायी बनाना चाहिए बल्कि इसमें भारतीय परंपरा की समृद्ध विरासत भी शामिल होनी चाहिए। हम मिलकर एक उच्च शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं, जो न केवल हमारे छात्रों की जरूरतों केा पूरा करेगी बल्कि हमारे राज्य और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि देश विकसित भारत @2047 के संकल्प हेतु क्रियाशील है। हम भी प्रदेश में विकसित छत्तीसगढ़ विजन 2047 के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय अपने नवाचारों से एक उदाहरण बनता जा रहा है। मुझे ज्ञात हुआ है कि पीएम उषा अंतर्गत विश्वविद्यालय को 20 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ है। इससे विश्वविद्यालय की अधोसंरचना का विस्तार होगा । हमें तक्षशिक्षा, नालंदा जैसे भारतीय परपंरा के विशिष्ट विश्वविद्यालय को अपना आदर्श मानते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा को पाठ्यक्रमों में प्रोत्साहन देना है। भारत हमेशा से ज्ञान के क्षेत्र में विश्वगुरु रहा है। हमें पुनः विश्वविद्यालयों को उस प्रतिष्ठा तक पहुँचाने में प्रयासरत होना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का टापू बनकर न रहे, समाज से सरोकार रहे, समाज एवं राष्ट्र में विश्वविद्यालय का योगदान हो। छत्तीसगढ़ प्रदेश अपनी विशेष संस्कृति के लिए जाना जाता है। छात्रों को संस्कार मूलक शिक्षा देने की व्यवस्था के लिए विशेष प्रयास होना चाहिए।
सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय का तेजी से विकास हुआ है। भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ से अकादमिक और प्रशासनिक विकास केन्द्र के रूप में मान्यता दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा के साथ-साथ कानूनी क्षेत्र में भी विकास और उन्नति के अवसर खोलती है।
कार्यक्रम को केन्द्रीय शहरी राज्य विकास मंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने दिया।
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