CORONA-21 दिन से ब्लड सैंपल रिपोर्ट का इंतजार,छग के इस क्वारंटाइन सेंटर में फंसे मजदूर…!महज एक किलोमीटर की दूरी पर अपने घर नहीं जा सकते

Shri Mi
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कवर्धा(CGWALL NEWS)।विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण का असर सभी तबके के लोगों की जिंदगी पर पड़ा है। लेकिन लगता है कि मजदूर परिवारों पर कोरोना कहर बनकर टूट रहा है। कभी अचानक लॉक डाउन की वजह से मजदूर दूर के प्रदेशों में फंसे रहे…. फिर किसी तरह अपने प्रदेश पहुंचे और अपने प्रदेश पहुंचने के बाद भी अब क्वारंटाइन सेंटर में फंसे हुए हैं। ऐसा उदाहरण कबीरधाम जिले के खैरवार क्वारंटाइन सेंटर में सामने आया है। जहां जोगीपुर के 10 लोग इस वजह से फंसे हुए हैं, क्योंकि उनके ब्लड सैंपल की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। जिसके चलते 10 लोग क्वारंटाइन सेंटर में बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं ।उन्हें सही तरीके से खाना भी नहीं मिल रहा है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले एक मजदूर बुधराम ने फोन में बातचीत के दौरान अपनी व्यथा सुनाई‌। उसने बताया कि वे लोग महाराष्ट्र के पुणे – नासिक में मजदूरी का काम करते थे। अचानक लॉकडाउन चालू होने के बाद लोग वहां फंस गए थे।कामकाज बंद होने और मजदूरी न मिलने से लोगों की हालत बिगड़ रही थी। किसी तरह अपने प्रदेश छत्तीसगढ़ वापस लौटने के इंतजाम में लगे ।आखिर सरकारी मदद से बस मिली और पिछले मई महीने की 15 और 18 तारीख को 28 मजदूर बस से कबीरधाम जिले के खैरवार क्वॉरेंटाइन सेंटर में लाए गए । वहां कुछ लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए और कुछ के नहीं लिए गए। जिन लोगों के ब्लड सैंपल नहीं लिए गए। उन्हें 14 दिन बाद अपने-अपने घर जाने दिया गया। लेकिन जोगीपुर गांव के 10 लोग अब तक क्वारंटाइन सेंटर में ही रह रहे हैं।

बुधराम ने बताया कि वह कब तक क्वारंटाइन सेंटर में रहेंगे…..? इस बारे में बताने वाला कोई नहीं है ।सरपंच / सचिव से बात होती है तो हर कोई यही कहता है कि अब तक ब्लड सैंपल की रिपोर्ट नहीं मिली है। जिससे उन्हें रोका गया है। रिपोर्ट कब आएगी….? इस बारे में उन्हें कोई कुछ बता नहीं पा रहा है। बुधराम ने कहा कि मजदूरों की किस्मत में यही लिखा है कि पहले दूसरे प्रदेश में फंसे थे अब अपने प्रदेश में आकर भी क्वारंटाइन सेंटर में फंसे हुए हैं। उनकी तकलीफ का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सैकड़ों किलोमीटर दूर से महाराष्ट्र से किसी तरह खैरवार पहुंच गए हैं। खैरवार से उनका गांव जोगीपुर सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। उनकी तकलीफ का अंदाजा लगाया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि सैंपल कलेक्शन लेने के बाद से वहां कोई भी नहीं आया है। जो इस बारे में कुछ बता सके….! जब क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था के बारे में बात हुई तो बुधराम ने बताया की खैरवार के स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है ।एक तरफ सामान रखा हुआ है। दूसरी तरफ लोगों के रहने- बसने की जगह है। सामान के ढेर के बीच हर समय सांप, बिच्छू का डर बना रहता है। इसी भय के बीच दिन – रात गुजारते हैं।

खाने पीने की व्यवस्था के बारे में बात हुई तो बड़ी निराशा के साथ बुधराम ने बताया कि हफ्ते भर से अधिक समय हो गया आलू बड़ी की सब्जी हमें दी जा रही है । इससे भोजन के इंतजाम का अंदाजा लगा सकते हैं ।खैरवार क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूरों की इस तकलीफ के बारे में प्रशासनिक स्तर पर किसी से संपर्क नहीं हो सका। जिससे प्रशासनिक पक्ष की जानकारी ली जा सके। लेकिन क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे बुधराम ने मोबाइल पर बातचीत के दौरान जिस तरह अपनी तकलीफ बताईं , उसे सुनकर भरोसा किया जा सकता है कि लोगों को वहां कितनी तकलीफ है और अपने प्रदेश में घर से महज 1 किलोमीटर दूर आकर फंसे हुए इन मजदूरों को राहत देने की पहल भी प्रशासन की ओर से की जानी चाहिए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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