बिलासपुर—- कम होते कोरोना संक्रमण के बीच प्रशासनिक अधिकारियों समेत आम जनता के लिए दिल दिमाग को झकझोर देने वाली खबर है। उस्लापरुर निवासी सिमगा के रजिस्ट्री कार्यालय में पदस्थ उप पंजीयक की कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी है। उप पंजीयक की मौत के बाद एक दिन पहले बुधवार की रात्रि को उप पंजीयक की पत्नी ने भी कोरोना इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उप पंजीयक के रिश्तेदार ने बताया कि अपने पीछे तीन मासूम बच्चियों को छो़ड़ गए हैं।उस्लापुर निवासी सिमगा में उप पंजीयक पद पर पदस्थ चन्द्रप्रकाश ओगरे की इलाज के दौरान 16 मई को मौत हो गयी है। चन्द्रप्रकाश ओगरे का इलाज पहले विवेकानन्द अस्पताल में चल रहा था। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वासुदेव क्लिनिक में भर्ती किया गया। लेकिन उसी रात उन्होने दम तोड़ दिया।
चन्द्रप्रकाश ओगरे के साले आशीष ने बताया कि बुधवार की रात्रि को वासुदेव क्लिनिक में ही इलाज के बीच चन्द्रप्रकाश की पत्नी सरिता ओगरे ने भी दम तोड़ दिया। चन्द्रप्रकाश ओगरे 44 साल के थे। जबकिसरिता ओगरे की उम्र 40 साल थी। आशीष ने बताया कि चन्द्रप्रकाश और सरिता के तीन सन्तान है। बड़ी बच्ची और बच्चे की उम्र मात्र 9 साल है। जबकि छोटा बेटा मात्र 5 साल का है। परिवार में इसके अलावा कोई नहीं है। आशीष ने कहा कि चिन्ता इस बात की है कि बच्चों को बेहतर न्याय के लिए क्या कुछ करें। फिलहाल तीनों बच्चे अपनी मां और पिता को तलाश रहे है। तीनों की हालत खराब है।
आशीष ने बताया कि उनकी बहन सरिता सरिता धीरे धीरे ठीक हो रही थी। घटना के दिन उसको कार्डियक अरेस्ट की शिकायत हुई। और आंखों के सामने उसने दम तोड़ दिया। इस समय तीनों बच्चे अपनी मां को तलाश रहे हैं।