बिलासपुर। देश के दूसरे हिस्सों की तरह से छत्तीसगढ़ और बिलासपुर जिले में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं । इसे देखते हुए संक्रमण की रोकथाम के लिए पाबंदियां भी लगाई जा रही हैं। इस बीच आपदा को अवसर मानकर मौके का बेज़ा इस्तेमाल करते हुए कुछ लोग संभावित लॉक डाउन की झूठी खबर फैलाकर रोजाना इस्तेमाल की चीजों को अधिक दाम पर बेचने में लग गए हैं। जिससे कुछ इलाकों में हड़बड़ी का माहौल बन गया है। इस पर नजर रखते हुए मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन की ओर से ठोस पहल की जरूरत महसूस की जा रही है।
कोरोना संक्रमितों के बढ़ते हुए मामलों के बीच जिला प्रशासन की ओर से पाबंदी के बत़ौर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। माना जाता है कि लोगों को सावधानी बरतने के लिए आगाह करने के मकसद से प्रशासन की ओर से यह कदम उठाया गया है। जिससे लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। दिन के समय बाजारों में भी भीड़ – भाड़ अधिक ना हो और मास्क – सैनिटाइजर जैसी जरूरी चीजों का इस्तेमाल करें। लेकिन पाबंदियों की शुरुआत के साथ ही यह सवाल भी आम लोगों के बीच तैरने लगता है कि अब लॉक डाउन कब से लगेगा…? पहली और दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन के हालात का सामना कर चुके लोगों के बीच इस सवाल के साथ ही एहतियाती उपाय और समय रहते जरूरी चीजों की खरीदारी को लेकर भी चिंता दिखाई देती है। लोगों की इस मनोदशा का बेजा इस्तेमाल भी हो रहा है।
हालांकि एक दिन पहले ही खबर आई थी कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव एक समीक्षा मीटिंग के दौरान साफ-साफ कह चुके हैं कि अभी हाल छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन की नौबत नहीं है। लेकिन मुनाफाखोरी करने वाले लोग लॉकडाउन से जुड़ी अफवाहें फैलाकर जरूरी सामानों को अधिक कीमत पर बेचने की शुरुआत कर चुके हैं। एक तरफ गोदामों में माल जमा कर मनमाने ढंग से बिक्री शुरू हो गई है। दूसरी तरफ वस्तुओं का अभाव बताकर अधिक दाम में बेचe भी जा रहा है। तखतपुर इलाके से पत्रकार साथी ने जानकारी दी है कि तेल, दाल , मसाले, ड्राई फूड, पान मसाला, गुड़ाखू जैसी चीजों के रेट मनमाने ढंग से बढ़ा दिए गए हैं। तेल की कीमत 2020 से 23 00 रुपए गुड़ाखू 20 वाला 40 में ,राजश्री 122 से 150 पूड़ा और दाल में 20 से 30 प्रति किलो की बढ़ोतरी हो गई है। बाजार में अनचाहे रूप से हड़बड़ी का माहौल नजर आ रहा है। लोग इस वजह से हड़बड़ी में आ रहे हैं कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कभी भी लॉक डाउन लग सकता है। जानकारों का कहना है कि पहली और दूसरी लहर के मद्देनजर इस तरह की परिस्थिति एक बार फिर बन रही है कि लॉकडाउन को लेकर फ़िर से लोगों के बीच तरह-तरह के सवाल घूम रहे हैं। जिससे अफ़वाह फ़ैलाने वालों को भी आसानी हो रही है। जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह बाजार के इस हालत पर भी नजर रखें और मुनाफाखोरी को रोकने के लिए ठोस पहल करें।।