कोविड की कम सैंपलिंग वाले जिलों के अधिकारियों पर होगी कार्यवाही

Shri Mi
6 Min Read

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने निर्देश दिए हैं कि मौसमी बीमारियों एवं कोविड की व्यापक सैंपलिंग की जाए। उन्होंने कहा कि बुखार, खांसी और जुकाम के मरीजों की भी कोविड की जांच की जाए। मलेरिया, चिकनगुनिया एवं डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए एन्टीलार्वा गतिविधियां व्यापक स्तर पर सुनिश्चित की जाए तथा आमजन को सूखा दिवस (प्रत्येक रविवार) के प्रति जागरूक किया जाए कि घर के आसपास एवं घर की टंकी, कूलर, टायर आदि में जमा पानी को खाली करें। चिकित्सा मंत्री ने बुधवार को स्वास्थ्य भवन में वीसी के माध्यम से मौसमी बीमारियों की रोकथाम, कोविड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए हैं।

Join Our WhatsApp Group Join Now

उन्होंने कहा कि आशा, एएनएम एवं अन्य फील्ड स्टॉफ घर-घर जाकर सैंपलिंग करें तथा ब्लड सैंपल लेकर सही रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि किसी भी पॉजिटिव रिपोर्ट को छुपाए नहीं। चिकित्सा विभाग हर बीमारी से लड़ने के लिए और प्रदेशवासियों को स्वस्थ रखने के लिए पूर्णतः सुदृढ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोविड के केस बढ रहे है, जबकि दूसरी तरफ कई जिलों में कोविड की सैंपलिंग काफी कम है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कम से कम 1000 कोविड सैपलिंग प्रतिदिन होनी चाहिए तथा जिन जिलों में कोविड पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है वहां सैंपलिंग और अधिक होनी चाहिए।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि चिकित्सालयों में चर्म एवं रति रोग, मेडिसिन एवं शिशु रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले रोगियों, हाईरिस्क समूहों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। यदि मंकीपाक्स का कोई संदिग्ध केस मिले तो उसकी तत्काल सैपलिंग करवायी जाए। इसके साथ ही संदिग्ध मरीज की पिछले 21 दिन की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर सभी को आईसोलेट करवाना सुनिश्चित करवायें। उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल में मंकीपॉक्स की जांच सुविधा उपलब्ध है यदि कोई संदिग्ध केस हो तो तत्काल सैंपल भेजकर उसकी जांच करवाये। 

चिरंजीवी योजना में एडवांस राशि लेने वाले अस्पतालों पर कार्यवाही होगी
श्री मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पूर्णतः कैशलेस योजना है लेकिन कुछ अस्पतालों द्वारा मरीजों से उपचार पूर्व एडवांस राशि जमा करवाने की शिकायते मिल रही हैं। उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती अरूणा राजोरिया को निर्देश दिए कि योजना में आमजन को इलाज पूर्णतः निःशुल्क देने का प्रावधान है यदि कोई अस्पताल एडवांस राशि लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। 

मिड-डे-मील की नियमित सैंपलिंग करें
उन्होंने कहा कि मौसम को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जाए ताकि फूड पॉइजनिंग जैसी घटनाएं नहीं हो। उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक ब्लॉक में संचालित स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे-मील के खाद्यान्न एवं मसालों सहित अन्य पदार्थों की माह में एक बार आवश्यक रूप से सैंपलिंग करवाकर उसकी जांच करवायें। 

निःशुल्क जांच और दवा के लिए मरीज की जेब से पैसा लगा तो परिणाम संबंधित भुगतेगा
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा की क्रियान्विति में सभी प्रदेशवासियों के लिए सभी प्रकार की जांच, दवा एवं उपचार पूरी तरह निःशुल्क है। यदि किसी प्रदेशवासी को जांच और दवा के लिए जेब से पैसा खर्च करना पड़ा तो संबंधित चिकित्सा संस्थान के प्रभारी/दोषी केे खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई की कई स्थानों पर दोपहर 2 बजे बाद दवा वितरण केन्द्र बंद हो जाते हैं और मरीज को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सभी दवा वितरण केन्द्र 24X7 घंटे संचालित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब चिकित्सा संस्थानों के लिए व्यापक स्टॉफ के प्रबंध है तो इस तरह की गंभीर लापरवाही बर्दास्त करने योग्य नहीं है। 

कोविड प्रिकॉशन डोज के लिए विशेष अभियान
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पृथ्वी ने बताया कि चिकित्सा मंत्री के निर्देशों की पालना में प्रदेशभर में कोविड टीकाकरण के तहत लाभार्थियों को प्रिकॉशन डोज लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पर्याप्त मात्रा में प्रिकॉशन डोज होने के बावजूद प्रिकॉशन डोज के लाभार्थियों की संख्या कम होने के कारण विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। 

शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया ने कहा कि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सभी दवाइयां उपलब्ध हैं। उनका भण्डारण एक स्थान पर होना चाहिए। मरीज या उसके परिजनों को दवा के लिए अलग-अलग काउंटरों पर चक्कर नहीं काटने पड़े, इसको सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों और चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को दवा वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर मरीजों को एक ही स्थान पर दवा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। 

Share This Article
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close