डीए या डर..शिक्षक नेता संजय का बयान..किसी एक को चुनें..ऐसा संयोग अब कभी नहीं आएगा

BHASKAR MISHRA
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राज्य शासन ,संतान पालन अवकाश,प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,छत्तीसगढ़ पंचायत न नि शिक्षक संघ,
बिलासपुर—- शिक्षक नेता संजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस समय साढ़े चार लाख कर्मचारी, अधिकारी लगातार डीए और एचआरए की मांग कर रहे हैं। दो कर्मचारी या अधिकारी जहाँ भी मिल रहे है, बस एक ही बात “इस हड़ताल से DA मिलेगा क्या?” फिर बात बढ़ती ही जाती है और अनुमान लगाते है कि “मुख्यमंत्री शायद ही  डीए देंगे। बात और बढ़ने पर कर्मचारी महंगाई को कोसने लगते है। और फिर महंगाई भत्ता नही दे रहे है बोलकर मुख्यमंत्री को ही कोसने लगते है। पर यह सब नक्कार खाने में तूती की आवाज वाली बात है। कर्मचारियों को डीए और डर में किसी का ही चुनाव करना होगा । 
                शिक्षक नेता संजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हड़ताल और संघर्ष के पर्याय तो शिक्षा कर्मी संवर्ग ही है। सरकार से लगातार संघर्ष करते कई बार निलंबित और बर्खास्त होने के बाद डेढ़ लाख अशासकीय शिक्षक – शासकीय शिक्षक बन गए। यह भारत मे पहला और अब तक अंतिम उदाहरण है। संविलियन के बाद के संघर्ष से पुरानी पेंशन प्राप्त कर लिया।
              संजय शर्मा ने बताय कि  महत्वाकांक्षा, धड़ेबाजी और शिगुफेबाजी कि भेंट चढ़कर संवर्ग का धार भी कम हो रहा है। दिशाहीनता या तथ्य की कमी और अज्ञानता से विषय भटकाव की स्थिति है।  फिर भी संघर्ष की सीख दे रहे है। अशासकीय पंचायत पद पर भर्ती हुए शिक्षा कर्मियों ने सरकार के सामने हड़ताल कर 2 सत्ता को पलट दिया। दिखाया कि शिक्षक को चाणक्य यूं ही नही बोलते, घनानंद और चन्द्रगुप्त को लोग अब भी न भूलें।
                    अब DA के लिए संघर्ष.. कर्मचारी वर्ग का संयुक्त सबसे बड़ा हड़ताल होगा। क्योकि दो धड़े की एक एक दिन हड़ताल हो चुकी है। एक का 3 दिन भी हो चुका है। अब दूसरे के 5 दिन की बारी है। 3 दिन और 5 दिन में एक दूसरे का साथ नही देने से सफलता हासिल नहीं हुई। एक वर्ग आगामी माह में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का एलान किया है। लेकिन तिथि तय नही, है। क्योकि हड़ताल अनिश्चितकालीन होना ही नही है। इसी बीच शिक्षक वर्ग ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया। शिक्षक भी चाहता है कि सभी कर्मचारी एकजुट होकर हड़ताल करें। कर्मचारियो को लंबित सम्पूर्ण डीए और एचआरए मिले। लेकिन  दोनो धड़े बैनर को लेकर झगड़ रहे हैं। ये अभिशाप है कर्मचारियो के लिए।
       संजय शर्मा ने बताया कि इससे बड़ा अवसर अब कर्मचारियो के हिस्से कभी नही आएगा। इसलिए सरकार पर 100 प्रतिशत दबाव बनाया जाए। इसलिए सभी  कर्मचारियों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। कर्मचारी इस बार ईमानदारी से लंबे हड़ताल के साथ सम्पूर्ण डीए हासिल कर सकते हैं। या फिर बैनर का झगड़ा  और सरकार के डर से सीमित हो सकते है।  सरकार से लड़ना और अधिकारी प्राप्त करना संगठन का मूल मंत्र होना चाहिए और है भी। इसलिए पूरी ताकत के साथ लड़ाई करें..यदि ऐसा नहीं किया गया तो अपने आप से धोखा होगा।
                   संजय शर्मा  ने बताया कि एकजुट कर्मचारी, संगठित कर्मचारी संघर्ष को सफल बनाते है। पूर्ण एकजुटता ही सम्पूर्ण सफलता है। बिखराव या अलगाव से आफत और आहत दोनो का ही सामना करना पड़ेगा। इस बार का संयोग कभी दोबारा नही होगा। अब कर्मचारी अपने लिए डीए या डर में किसी एक को चुन सकते है।

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