दिल्ली-दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने कहा है कि दिल्ली में नौ अगस्त से 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र दाखिले और बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रायोगिक कार्यों के लिए स्कूल जा सकते हैं. कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने के बाद अब ज्यादातर राज्यों में स्कूल-कॉलेज खोले जा रहे हैं. इस बीच दिल्ली में भी स्कूल-कॉलेजों को दोबारा खोले जाने पर विचार किया जा रहा है.उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में शुक्रवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अहम बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को विस्तृत योजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया. डीडीएमए की इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ सुजीत सिंह, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स भी मौजूद थे.
दाखिला प्रमाणपत्र देना अनिवार्य
राजधानी के सभी सरकारी, प्राइवेट या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को अब दाखिला प्रमाणपत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है. दिल्ली सरकार के डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (DoE) की ओर से दिल्ली के सभी स्कूलों के लिए सर्कुलर जारी किया गया है. जिसमें सभी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे छात्रों के दाखिले के बाद दो दिन के भीतर उन्हें दाखिला प्रमाण पत्र (Admission Certificate) दें.
मनीष सिसोदिया ने दी जानकारी
मनीष सिसोदिया ने बैठक के दौरान कहा कि लंबे समय से स्कूल बंद रखने से पढ़ाई का नुकसान हुआ है और अधिकतर अभिभावक दोबारा स्कूल खोले जाने के पक्ष में हैं. सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार की अभिभावक-शिक्षक बैठक में मौजूद रहने वाले आठ लाख अभिभावकों में से 90 फीसदी ने दोबारा स्कूल खोले जाने का समर्थन किया. वहीं शहर के स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में ‘‘कोविड-19 टीकों की आपूर्ति की मौजूदा दर’’ से 18 साल से अधिक आयु के सभी योग्य लाभार्थियों को टीका लगाने में एक और साल लगेगा.