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पहचान के लिए दशकों..दर-दर भटका वनवासी समाज..मुख्यमंत्री का निर्देश…गणतंत्र दिवस पर SDM ने दिया बैगा होने का प्रमाण

200 से अधिक बैगाओं को गणतंत्र दिवस पर पहचान का तोहफा

बिलासपुर—18 जनवरी को तखतपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भेंट मुलाकात कार्यक्रम जिले की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों के जीवन में नया सवेरा साबित हुआ है। दशकों से जाति प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे वैगा आदिवासियों की मांग को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्रशासन को विशेष निर्देश दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता जानकारी के बाद जाति प्रमाण पत्र के लिए दर दर भटक रहे 200 से अधिक आदिवासियों को  बैगा जाति प्रमाण पत्र देने का एलान किया। 26 जनवरी को सांकेतिक रूप से एक दर्जन से अधिक लोगों को जाति प्रमाण दिया गया। जाति प्रमाण पत्र मिलने के बाद बैगा समाज में जबरदस्त उत्साह है।
 जानकारी देते चलें कि 18 जनवरी को भेंट मुलाकात के दौरान दशकों से पहचान की मांग कर रहे बैगा जनजाति के लोगोंने  मुख्यमंत्री से अपनी पीड़ा को जाहिर किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम ने जिला प्रशासन को विशेष निर्देश दिया। जिला प्रशासन ने तत्काल ममले को गंभीरता से लेते हुए आदिवासियों के गांवों में आमसभा का आयोजन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने दर दर भटक रहे लोगों को बैगा जनजाति का होना बताया। जगह जगह  आयोजित ग्राम सभा से अनुमोदन के बाद राजस्व अधिकारियों ने जाति प्रमाण पत्र बनाना शुरू कर दिया। 
इसी क्रम में कलेक्टर सौरभ कुमार के निर्देश पर कोटा एसडीएम ने गणतंत्र दिवस पर  दर्जनभर बैगा आदिवासियों को जाति प्रमाण पत्र वितरित कर दशकों पुरानी मांग को पूरा किया। गणतंत्र दिवस पर हाथ में जाति प्रमाण पत्र आने के बाद बैगा आदिवासियों की आंख से खुशी के आंसु झलक गए। उनके चेहरे पर दोगुना उत्साह देखने को मिला।
जिला प्रशासन के अनुसार जाति प्रमाण पत्र मिलने से दशकों से अपनी पहचान के लिए दर दर भटक रहे बैगा जनजाति के लोगों को औपचारिक पहचान मिल गयी है। जाति प्रमाण मिलने के बाद बैगा आदिवासी शिक्षा से लेकर सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकेंगे।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले के कोटा अनुविभाग में बड़ी संख्या में बैगा आदिवासियों का निवास है। करीब 200 से अधिक बैगाओं के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है। ना ही बैगा जाति साबित करने को लेकर कागजात ही उपलब्धहै।  ग्रामसभा आयोजन को लेकर कुछ अस्पष्टताएं भी थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर  विशेष पिछड़ी जनजातियों की समस्या को गंभीरता से लिया गया। जाति प्रमाण नहीं बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से स्पष्टीकरण जारी करने को कहा।
मामला स्पष्ट होते ही जिला प्रशासन की टीम ने बिना देरी विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया। प्रथम चरण में तखतपुर के ग्राम परसापानी, रतनपुर के बासाझाल और कोटा तहसील के ग्राम धनरस और नेवासा में आयोजित ग्रामसभा के दौरान उपस्थित स्थानीय लोगों ने सर्वसम्मति से जाति प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे आदिवासियों को बैगा घोषित किया। अनुमोदन के बाद प्रशासन ने बैगा आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र जारी किया।
जाति प्रमाण मिलते ही बेलगहना तहसील स्थित ग्राम लुफा निवासी राजेश कुमार बैगा और पारसपानी निवासी पवनसिंह के आंखों खुशी के आंसू झलक गए। सभी ने मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया।  कलेक्टर सौरभकुमार ने कागजात से रहित शेष आदिवासियों के लिए भी इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश राजस्व अधिकारियों को दिया।


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