लोकसभा में बोले-सांसद दीपक बैज,बस्तर को रेल सुविधा नहीं तो केंद्र को खनिज संसाधन भी नहीं

Shri Mi
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नई दिल्ली।एक बार फिर लोकसभा में गूंजा बस्तर रेल का मुद्दा।भारतीय रेलवे का बजट देश मे रोजगार का बहुत बड़ा साधन है।साथ ही सरकार के लिए भी आय का साधन है परन्तु कोविड-19 के लॉकडाउन 23 मार्च 2020 को असफल रूप से देश मे ट्रेनों को बंद कर दिया गया जिस से ग़रीब मजदूरों व जनता सड़कों पर आ गई केंद्र सरकार के पास इसका कोई आँकड़ा नही था। श्री बैज ने सोनिया गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा उन्होंने ऐलान किया पूरे देश मे मजदूरों का किराया कांग्रेस पार्टी वहन करेगी। तब केंद्र की सरकार ने आनन फानन में फैसला लिया आधे पैसे हमारे द्वारा व आधे पैसे राज्य सरकार देगी।

श्री बैज ने छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ करते हुए कहा छ ग सरकार मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने लॉक डाउन के समय बेहतर कार्य किया दूसरे राज्य में फंसे मजदूरों को लाने ले जाने के लिए बस,चप्पल,दवाइयों,एवँ खाने का भी ख़र्चा भी उठाया उसके लिए साँसद श्री बैज ने मुख्यमंत्री का सदन में धन्यवाद किया।विगत वर्ष 10 मार्च को केंद्रीय रेलवे मंत्री द्वारा सांसद बैज के सवालों के जवाब देते हुए लिखित में बताया गया 34700 करोड़ का रेलवे को घाटा हुआ है। वही बस्तर में 1082 करोड़ का घाटा हुआ। श्री बैज ने रेल मंत्री से सवाल करते हुए कहा आपकी सरकार में बस्तर को क्या मिला बस्तर में लोहे का भंडार है।केन्द्र सरकार को माइनिंग के माध्यम से करोड़ो रूपये अरबो रुपयों का राजस्व बस्तर से प्राप्त होता रहा है। एनएमडीसी और एस.आर के ट्रांसपोर्टिंग माध्यम से महीने में 300 करोड़ रुपये सरकार को राजस्व के रूप में प्राप्त होता है। बस्तर का लोहा जापान,कोरिया और विदेशों में जाता है पर बस्तर लोगो को क्या मिला?

क्या बस्तर की अमीर धरती के लोग गरीब ही रहेंगे। साँसद श्री बैज ने कहा बस्तर को रेलवे सुविधा नहीं तो केंद्र को खनिज संसाधन नही ।साथ ही बस्तर हित के लिए जगदलपुर से समलेश्वरी एक्सप्रेस-जगदलपुर, हीराखंड एक्सप्रेस- जगदलपुर से राउलकेला एक्सप्रेस- किरंदुल विशाखापट्टनम नाइट एक्सप्रेस जैसे महत्वपूर्ण ट्रेनों को जल्द से जल्द सुरु करने का निवेदन किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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