ऑड-ईवन के फैसले को केजरीवाल सरकार ने वापस लिया

Shri Mi
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ngt_delhiनईदिल्ली।दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण पर लगाम के मकसद से प्रस्तावित वाहनों के ऑड-इवन फॉर्मूले को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में इजाजत दे दी है. हालांकि एनजीटी ने इसके साथ ही कुछ शर्ते भी लगाई हैं.एनजीटी की इन शर्तों के बाद दिल्ली सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है. केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि अब 13 नवंबर से प्रस्तावित ऑड-इवन लागू नहीं किया जाएगाएनजीटी ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार से कहा आप इसे लागू करें, लेकिन इसमें किसी सरकारी अधिकारियों, महिलाओं या दो पहिया वाहनों को कोई छूट नहीं दी जाए. हालांकि सीएनजी वाहनों, एंबुलेंस और दमकल जैसी आपातकालीन सेवाओं को ऑड-इवन योजना से छूट रहेगी. अधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि शहर में जब भी PM10 का स्तर 500 और PM2.5 का स्तर 300 के पार हो तो दिल्ली में खुद ब खुद ऑड इवन लागू हो जाए. कोर्ट ने साथ ही कहा कि अनुमान के अनुसार 48 घंटे तक बारिश नहीं होती है, तो किसी माध्यम से पानी का छिड़काव भी कराना होगा।

                                एनजीटी ने कहा कि रोक के बावजूद जगह जगह निर्माण कार्य चल रहा है. NHAI अक्षरधाम पर निर्माण कार्य कर रहा है. एम्स के सामने किदवई नगर में NBCC का काम चल रहा है. इस पर एनजीटी ने नाराजगी जताते हुए NHAI और NBCC को कारण बताओ नोटिस जारी किया और पूछा कि कोर्ट का आदेश न मानने के कारण आपको जेल न भेजा जाए.इसके साथ एनजीटी ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में चल रहे 13 थर्मल प्लांट सल्फेट गैस छोड़ रहे हैं. ये PM10 और 2.5 का स्तर बढ़ा रहे हैं. इन्हें अपग्रेड किया जाए, हम समिति को निर्देश देते हैं कि इस पर हमें रिपोर्ट दें।

                               एनजीटी ने इस संबंध में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगली सुनवाई तक वहां कोई निर्माण कार्य न हो. इसके साथ उन्हें कूड़े और परानी न जलाने को लेकर एक्शन रिपोर्ट मांगा है. अधिकरण ने साथ ही कहा कि किसी भी लैंडफिल साइट में आग न लगाई जाए. अगर ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ़ कार्रवाई होगी।इससे पहले एनजीटी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई. इस मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने केजरीवाल सरकार से वह आर्डर दिखाने को कहा, जिसमें ऑड इवन लागू करने की बात है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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