एयरपोर्ट विकास के लिये रक्षा मंत्रालय/सेना से आवश्यक जमीन पर कार्य की अनुमति देने की मांग

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बिलासपुर-हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने रक्षा मंत्रालय और सेना के अधिकारियों से यह मांग की है कि वे बिलासा एयरपोर्ट में नाईट लैडिंग कार्य संबंधी उपकरण लगाने की अनुमति उस जमीन पर भी दे जो फिलहाल उनके कब्जे में है। गौरतलब है कि सेना के कब्जे वाली 1012 एकड़ जमीन को बिलासा एयरपोर्ट विकास के लिये राज्य सरकार को वापस देने की सैद्वांतिक सहमति केन्द्र और राज्य के बीच बन चुकी है परन्तु अभी तक इस हस्तांतरण की शर्ते तय न होने के कारण राज्य सरकार के द्वारा औपचारिक मांग पत्र केन्द्र को नहीं भेजा गया है।समिति ने कहा कि सेना की अधिकारियों की एक टीम बिलासा एयरपोर्ट के साथ लगी सेना की सम्पत्ति की जांच के लिये आज कल बिलासपुर आई हुई है। नाईट लैडिंग कार्य में 1500 मीटर रनवे के अलावा 300 मीटर बाहर तक यंत्र एवं उपकरण लगाये जाने है, जिसके लिये भूमि उपयोग की अनुमति सेना की ओर से आवश्यक है। समिति ने साथ ही साथ राज्य सरकार से जमीन वापसी का औपचारिक मांग पत्र अविलंब प्रस्तुत करने की मांग भी की है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महाधरना आंदोलन आज भी जारी रहा, सभा को संबोधित करते हुए युवा नेता जयप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि लाल फीता शाही में बिलासा बाई एयरपोर्ट का विकास अटका पड़ा है जबकि बिलासपुर और आस-पास के जिलों में यात्रीगण इस एयरपोर्ट के पूर्ण रूप से विकसित होने की राह देख रहे है।आज के महाधरना आंदोलन में आगमन के क्रम से सर्वश्री बद्री यादव, समीर अहमद, देवेंद्र सिंह ठाकुर, सी.एल.मीणा, शाबर अली, महेश दूबे टाटा, राकेश शर्मा, अनिल गुलहरे, चित्रकांत श्रीवास, नवीन तिवारी, पंकज सिंह, नरेश यादव, चंद्रप्रकाश जायसवाल, मोहन जायसवाल, कमलेश दुबे डब्बू, संत कुमार नेताम प्रकाश बहरानी, अकील अली गोपाल दूबे, समीर अहमद, पवन सोनी, खोरबहरा देवांगन, परदेशी यादव, रामकुमार यादव, सियाराम विश्वकर्मा, के.के.मिश्रा, भरत यादव, प्रहलाद कोरी, ओंकार सिंह क्षत्री, शिव श्रीवास, चक्रधर प्रकाश साय, नरेश यादव, और सुदीप श्रीवास्तव शामिल हुए।


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