स्कूलों में नियमित योग क्लास की जरूरत..कांग्रेस नेता की प्रशासन से मांग..कैलेन्डर में शामिल करें.. कोरोना की तीसरी लहर में बनेगा सुरक्षा कवच

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कांग्रेस नेता विजय केशरवानी ने स्कूलों में नियमित योग क्लास चलाने की मांग की है। विजय ने बताया कि शिक्षण संस्थानों में योग शिक्षक की निगरानी में योग क्लास को कैलेन्डर किया जाना बहुत जरूरी है। कोरोना महामारी के दौरान वैज्ञानिकों ने भी माना है कि योग क्रिया से आन्तरिक सुरक्षा शक्ति में इजाफा होता है। जो कोरोना से लड़ने में सहायक है। चूंकि वैज्ञानिकों ने कोरोना की तीसरी लहर का एलान किया है। ऐसे में योग क्लास का महत्व बढ़ जाता है। 

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                   21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है। दुनिया में एक साथ व्यापक स्तर पर योग क्लास का आयोजन किया जाएगा। इस दिन राजा और रंक सभी लोग योग शिक्षक की निगरानी में आफ लाइन और आनलाइन योग करेंगे। योग के महत्व को देखते हुए जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने सभी शिक्षण संस्थानों  में योग क्लास चलाने की बात कही है।

                  केशरवानी ने बताया कि दुनिया कोरोना की मार से बेहाल है। कोरोना के चलते लोगों की गतिविधियों में बहुत बदलाव देखने को मिल रहा है। शारीरिक श्रम नहीं होने से लोग तनाव का शिकार हो रहे हैं। परेशान लोग आत्महत्या जैसा कदम भी उठा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने एलान किया है कि 6 से 8 सप्ताह के अन्दर कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है।जो काफी घातक साबित हो सकता है।बताया जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए बहुत ही घातक होगा। जाहिर सी बात है कि एक बार फिर योग का महत्व बढ़ जाता है। इससे लोगों को ना केवल इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। बल्कि बच्चे और बूढ़े सभी लोग मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। और कोरोना का भी प्रभाव कम देखने को मिलेगा।

             कांग्रेस नेता ने बताया कि पौराणिक काल से योग हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है। समय के साथ हम और हमारे बच्चे योग के महत्व से दूर हुए हैं। कोरोना काल के दौरान दुनिया ने योग के महत्व को समझा है। शायद यही कारण है कि कुछ साल पहले योग क्रिया को लोकप्रिय बनाने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का एलान किया गया।

                   विजय ने कहा कि भविष्य को तनाव मुक्त रखने के लिए योग की शिक्षा बचपन से ही दिया जाए। स्कूल से लेकर कालेज के कैलेन्डर में योग क्लास को शामिल किया जाए। इससे बच्चों और छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आने वाले समय में यही छात्र देश के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। काम काज के दौरान उन्हें योग की नियमित क्रिया से  तनाव से छुटकारा मिलेगा।

               केशरवानी ने बताया कि जिला प्रशासन से मांग है कि शिक्षण संस्थानों में योग को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाए। ऐसा करने से ना केवल छात्रों को योग का फायदा मिलेगा। बल्कि रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। हम सभी जानते हैं कि दुनिया में भारत को योगियों का देश माना जाता है। जाहिर सी बात है कि बुनियादी स्तर पर योग की शिक्षा लेकर देश के होनहार देश दुनिया में भारत का नाम रोशन करेंगे। साथ ही तनाव मुक्त भी रहेंगे।

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