मेरा बिलासपुर

शहर को गांव बनाने की मांग..ग्रामीणों ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा…न्यायमूर्ति ने किया शासन और कलेक्टर को तलब

नगर पंचायत को दो भागों में विभाजन के खिलाफ याचिका

बिलासपुर— सक्ति जिला स्थित नया बाराद्वार के ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता वरूण शर्मा के माध्यम से याचिका दायर कर  नगर पंचायत में शामिल वार्डों को पहले के ही तरह ग्रामीण क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग की है। नगर पंचायत नया बाराद्वार के लोगों ने बताया कि राजनीति और नौकरशाही के बीच जुगलबंदी के कराण जनता को पिछड़ेपन की ओर धकेला जा रहा है। इसलिए आदेश जारी कर नगर पंचायत बाराद्वार के सभी वार्डों को ग्रामीण क्षेत्र घोषित कर नगरपंचायत से मिलने वाली सुविधाओं को रोक लगायी जाए। मामले में याचिका स्थानीय निवासी मनहरण लाल, पीताम्बर सूर्यवंशी और अन्य ने दायर किया है।
याचिकाकर्ताओं के वकील वरूण शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता नगरपंचायत नयाबाराद्वार स्थित वार्ड क्रमांक 11 से 14 के निवासी हैं। सभी वार्ड 1982 की अधिसूचना के पहले  ग्राम  मुक्ताराजा का हिस्सा था। अधिसूचना के बाद मुक्तराजा गांव को नगरपंचायत में शामिल किया गया। वार्ड के सभी लोग नगरपंचायत के छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम, 1961 के तहत सुविधाएं हासिल हैं। सक्ती जिला बनाए जाने के बाद साल 2021 में राज्य शासन ने अधिसूचना जारी कर संपूर्ण बाराद्वार को सक्ती जिला में शामिल किय।
वरूण  शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ताओं को जानकारी मिली कि नगरपंचायत बाराद्वार के वार्ड क्रमांक 11 से 14 जो कभी ग्राम पंचायत मुक्ताराजा का  भाग था। राजनैतिक समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण 11 से 14 वार्ड को नगरपंचायत से अलग कर  दिया जाएगा। याचिकाकर्ताओं और समस्त वार्डवासियों ने कलेक्टर जांजगीर चांपा के सामने आपत्ति पेश किया। कलेक्टर ने दिसंबर 2021 में बिना याचिकाकर्ताओं को सूचना दिए आपत्तियों को निरस्त कर दिया। राज्य शासन को ग्राम मुक्ताराजा के क्षेत्रों को नगर पंचायत में सम्मिलित करने की अनुशंसा भेज दिया।
अधिवक्ता ने बताया कि नगरपंचायत के वार्ड पृथक्करण और नए वार्ड के जोड़े जाने की शक्तियां संविधान के अनुच्छेद 243 और छग नगरपालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत केवल राज्यपाल के पास है।  राज्य शासन को प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष निश्चित प्रक्रिया के तहत पेश किया जाना था। लेकिन प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर राज्य शासन ने अंतिम अधिसूचना जारी कर दिया। नगरपंचायत नयाबाराद्वार के दो टुकड़े करते हुए वार्ड क्रमांक 11 से 14 के भाग को नगरीय से ग्रामीण क्षेत्र में धकेल दिया गया।
 याचिकाकर्ताओं की मांग पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति रजनी दुबे की एकलपीठ ने राज्य शासन, नगर पंचायत नयाबाराद्वार, कलेक्टर जांजगीर चांपा और अन्य को जवाब चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।

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