मुंगेली।जानकार लोग कहते है कि शालाओं में सभी विषय के शिक्षक नहीं होने से शिक्षा का स्तर कमजोर होता है। लेकिन जिले के विकासखण्ड मुंगेली के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पदमपुर में प्रत्येक विषय के शिक्षक होने के बावजूद भी वहां अध्ययनरत बच्चों में शिक्षा का स्तर कमजोर है। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इसे गंभीरता से लिया और जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पदमपुर का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिये। जिसके परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने कल 5 दिसम्बर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पदमपुर का औचक निरीक्षण किया।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
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निरीक्षण के दौरान जिले के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और विद्यालय के प्राचार्य श्री एनके चंद्रा सहित 11 शिक्षक अनुपस्थित थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्य सहित शिक्षकों की अनुपस्थिति को उनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता मानते हुए इसे सिविल सेवा आचरण नियम के विरूद्ध बताया और उन्होने पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और विद्यालय के प्राचार्य सहित सभी शिक्षकों को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया।
उन्होने प्राचार्य सहित सभी संबंधित शिक्षकों को पत्र प्राप्ति के तीन दिवस के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि कारण बताओ नोटिस का जवाब समाधानकारक नहीं पाये जाने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु प्रस्तावित करने की भी बात कही। इसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी भारद्वाज ने बताया कि निरीक्षण के दौरान विद्यालयीन प्रार्थना में केवल दो शिक्षक उपस्थित थे। तत्पश्चात व्यायाम शिक्षिका शीला जायसवाल, व्याख्याता पंचायत रमेंद्र लहरे और आशा आडिले विद्यालय में उपस्थित हुए। निर्धारित अवधि में उपस्थित नहीं होने को अनुशासनहीनता की श्रेणी मानते हुए श्रीमती शीला जायसवाल, व्याख्याता पंचायत रमेंद्र लहरे और श्रीमती आशा आडिले सहित विद्यालय में अनुपस्थित पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और विद्यालय के प्राचार्य चंद्रा, व्याख्याता श्री मालिकराम मेहार, व्याख्याता एलबी श्रीरामनिवास पटेल, राधेश्याम साहू, रविशंकर नामदेव, डाॅ. सलीम जावेद, लुकेश कुमार सोनवानी एवं एस. सोनवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।