DEO के आदेश से बढ़ी अतिथि शिक्षकों की चिंता, नियुक्ति में मूल निवासी पर फंस रहा पेंच

Shri Mi
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शिक्षक,गैर शिक्षक,पदों ,भर्ती,पात्र,अपात्रों, सूची जारी,दावा आपत्ति ,समय,राजनादगांव,छत्तीसगढ़रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी)-बलरामपुर रामानुजगंज जिले के पिछले तीन वर्षों से दूरस्थ हाईस्कूलो व हायर सेकेंडरी स्कूलों में विद्या मितान के रूप में कार्यरत शिक्षित बेरोजगारों के समक्ष अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में डीईओ के आदेश ने परेशानी में डाल दिया है। डीईओ द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें अतिथि शिक्षक की नियुक्ति में छग का मूल निवासी होने को अनिवार्य किया गया है। दूसरे प्रदेशों से आकर यहां सेवा दे रहे शिक्षित बेरोजगारों ने बलरामपुर डीईओ के उक्त आदेश पर असंतोष जाहिर करते दावा किया कि उन्होंने लगभग नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद यह कंडिका जोड़ी है।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp Group से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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अधिकांश अतिथि शिक्षकों ने विद्यालयों में पदभार ग्रहण कर बच्चों को पढ़ाना भी शुरू कर दिया है। प्रदेश के तत्कालीन भाजपा शासन काल में समूचे प्रदेश में आउटसोसिग के जरिए विद्या मितानों की नियुक्ति की गई थी।

दूरस्थ क्षेत्र के हाई स्कूलों व हायर सेकेंडरी स्कूलों में जहां अंग्रेजी,गणित,भौतिकी,रसायन जैसे विषयों के शिक्षकों की कमी थी। वहां विद्या मितानों को पदस्थ कर बच्चों को पढ़ाने की बड़ी जवाब दारी दी गई थी। बलरामपुर रामानुजगंज जिले से लगे हुए। पड़ोसी राज्यों में बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में शिक्षित बेरोजगार यहां आए थे और अपनी सेवाएं दी थी।

छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार बदलतेे ही कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जिले के दूरस्थ क्षेत्र के स्कूलों में विद्या मितानों की जगह अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया था। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए भर्ती नियम भी बनाए गए थे। इसके तहत स्नातकोत्तर द्वितीय श्रेणी के साथ बीएड को अनिवार्य किया गया था।

साथ ही पूर्व में सेवा दे चुके विद्या मितानों को न सिर्फ प्राथमिकता बल्कि जिस विद्यालय में उन्होंने सेवाएं दी थी,वहीं दोबारा अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने का अवसर देने का भी निर्देश दिया गया था। शासन स्तर से जारी गाइड लाइन में स्पष्ट निर्देश था कि विद्या मितानों द्वारा जिन विद्यालयों में सेवाएं दी गई है। यदि उस विद्यालय में संबंधित विषय का पद रिक्त हो तो जिले के किसी दूसरे विद्यालय में उन्हें पदस्थ किया जा सकता है।

इसी आदेश के परिपालन में जिले में अतिथि शिक्षकों के 285 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए बकायदा आवेदन भी मंगाए गए थे। भर्ती प्रक्रिया को लेकर डीईओ द्वारा दो आदेश जारी किए गए हैं। पूर्व में शासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश जारी किया गया था।

सोमवार को उन्होंने एक नया आदेश जारी किया। इसमें अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में नई कंडिका जोड़ी गई। आदेश में स्पष्ट उल्लेखित है कि छग के मूल निवासी की ही अतिथि शिक्षक के रूप में भर्ती की जानी है जबकि शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप पूर्व में सेवा दे रहे विद्या मितानों की भर्ती कर ली गई है और उन्होंने अपने-अपने विद्यालयों में पदभार ग्रहण कर कर बच्चों को पढ़ाना भी शुरू कर दिया है। इन अतिथि शिक्षकों में कई दूसरे प्रांतों के हैं,अब डीईओ के आदेश के बाद उनकी नौकरी चले जाने का डर सताने लगा है।

अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है। भर्ती प्रक्रिया 30 अगस्त तक पूरी करनी है। शासन का ही निर्देश है कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की भर्ती की जानी है।
बी एक्का डीईओ

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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