बिलासपुर हवाई अड्डे में विकास कार्य ठप्प, कोई नई उड़ान भी चालू नहीं हुई,हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति की बैठक गुरूवार को…आंदोलन फिर शुरू करने पर होगा विचार

Chief Editor
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बिलासपुर । हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति बिलासपुर 21 अक्टूबर शाम 4 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही है। जिसमें गत 1 मार्च को प्रारंम्भ हुये बिलासपुर हवाई अड्डे के विकास एवं अन्य महानगरों तक उड़ान समेत सभी जरूरी मामलों में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जायेगी। गौरतलब है कि अब तक केवल दिल्ली महानगर तक एक उड़ान बिलासपुर को मिली है और वह भी रास्ते में इलाहाबाद या जबलपुर रूककर जाती है।
बिलासपुर में हवाई सुविधा के लिये लम्बे जनसंघर्ष के बाद 3सी वीएफआर हवाई अड्डा 1 मार्च से चालू हुआ है। इसमें 72 और 78 सीटर विमान दिन के समय उड़ान भर सकते है। हालाकि अधेंरा हो जाने पर विमान का संचालन नहीं हो सकता । क्योंकि हवाई अड्डा आईएफआर श्रेणी (नाईट लैंडिग सुविधा ) वाला नहीं है। हवाई अड्डे की टरमिनल बिल्डिंग इतनी छोटी है कि एक समय में दो उड़ाने आ जाने पर यात्रियों को बैठने तक की जगह नहीं है। छत्तीसगढ़ शासन ने नवम्बर 2019 को नई बिल्डिंग के लिये 7 करोड़ रू और नाईट लैडिंग के लिये 8 करोड़ रूपये घोषित किये थे। परन्तु आज स्थिति यह है कि पीडब्ल्यूडी राज्य शासन नई बिल्डिंग का नक्शा तक तैयार नहीं है और नाईट लैडिंग उपकरण लगाने के लिये पैसा जमा करने के बावजूद केंन्द्र सरकार की संस्था एएआई अब तक सर्वे करने के लिये भी नहीं आयी है। अर्थात् रायपुर और दिल्ली दोनों स्तर पर बिलासपुर हवाई अड्डे के विकास में अधिकारियों द्वारा पर्याप्त रूचि नहीं दिखाई जा रही है। यह अत्यंत ही दुर्भाग्य जनक स्थिति है । क्योंकि स्वयं मुख्यमंत्री भूपेष बघेल और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बिलासपुर हवाई अड्डे विकास के लिये हर संम्भव मदद का भरोसा दे चुके है। कुल मिलाकर बिलासपुर अंचल की जनता ठगा सा महसूस कर रही है।
पिछले छः महीनों में कई निजी कम्पनियों ने बिलासपुर से महानगरों तक सीधी उड़ान प्रारंम्भ करने के लिये सर्वे किये थे। परन्तु बिलासपुर से महानगरों तक के लिये मार्ग उड़ान 4.1 योजना में शामिल न होने के कारण आगे किसी ने रूचि नहीं दिखाई। केन्द्र सरकार बिलासपुर से दिल्ली-हैदराबाद-मुंबई-कोलकाता सीधी उड़ानों के लिये उड़ान योजना के तहत सब्सिडी दिये जाने की मांग पर कोई सार्थक कार्यवाही नहीं कर रही है। वर्तमान में दिल्ली की अकेली उड़ान में किराया 7हजार, 8 हजार और भी अधिक जा रहा है। जिससे यात्री पुनः एक बार रायपुर जाकर विमान पकड़ने या ट्रेन से यात्रा करने को मजबूर है।
उपरोक्त समस्त स्थितियो को देखकर हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति ने एक आवष्यक बैठक 21 अक्टूबर षाम 4 बजे राघवेन्द्र राव सभा भवन प्रांगण में आहूत की है । जिसमें उपरोक्त स्थिति को देखते हुये पुनः आंदोलन शुरू करने की रणनीति पर विचार विमर्श होगा।

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