ट्रेन में दिव्यांग युवक से बदसलुकी.विकलांग चेतना परिषद पदाधिकारी का सामने आया असली चेहरा.. दिखाया रूतवा.पीड़ित को हाथ पकड़ बर्थ से उठाया

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—चलती गाड़ी में दिव्यांग युवक से सवेदनहीन व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है। विकलांग चेतना परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारी ने यात्रा के दौरान बिलासपुर के एक दिव्यांग युवक के साथ ना केवल अभद्र व्यवहार किया। बल्कि मानवता को भी शर्मशार किया है। घटना के दौरान प्रत्यक्षदर्शियों ने मदन मोहन अग्रवाल के व्यवहार की निंदा की है। 
 
               दिल्ली से 28 दिसंबर को छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति ट्रेन से दिल्ली में स्पाईनल इंज्यूरी आपरेशन के बाद बिलासपुर निवासी युवक राहुल अग्रवाल अपने शहर के लिए रवाना हुए। इसके पहले परिजनों ने राहुल अग्रवाल को सम्पर्क क्रांति ट्रेन का टिकट भी कटाया। राहुल अग्रवाल को एसी 2 टियर में 10 और 12 नंबर सीट अलाट हुआ।
 
              ट्रेन में सवार होने के बाद राहुल ने अपनी परेशानी का जिक्र टीटीई से किया। युवक ने बताया कि दो दिन पहले स्पाइनल कार्ड का आपरेशन हुआ है। उन्हें अपर बर्थ अलाट हुआ है। संभव हो तो नीचे का बर्थ अलाट किया जाए। टीटीई ने परेशानी को समझते हुए नीचे की खाली साइड बर्थ पर राहुल अग्रवाल को बैठाया। टीटीई ने बताया कि बर्थ किसी दूसरे के नाम पर अलाट है। उनके आने पर चाहें तो बर्थ से म्यूच्यल कर सकते हैं। इसके बाद टीटीई चला गया।
 
                   अगले स्टेशन पर जिसके नाम बर्थ अलाट था..वह सज्जन भी पहुंचे। उन्होने आते ही राहुल अग्रवाल को बर्थ खाली करने को कहा। राहुल ने अपनी पीड़ा को व्यक्ति के सामने रखा। और बताया कि वह बिलासपुर जा रहे हैं। ऊपर के बर्थ पर चढ़ना मुश्किल है। सम्भव हो सके तो वह ऊपर के बर्थ पर एडजस्ट कर लें। 
 
               यात्री ने बताया कि वह भी बिलासपुर जा रहे हैं। उनका नाम मदन मोहन अग्रवाल है। लेकिन  ऊपर के बर्थ पर नहीं जाएंगे। बेहतर होगा कि बर्थ खाली कर दें। अन्यथा उन्हें पुलिस का सहयोग लेना पड़़ेगा। राहुल अग्रवाल ने अपनी परेशानियों का जिक्र मदन मोहन के सामने बार बार किया। बताया कि ऊपर बर्थ पर चढ़ना मुश्किल है। बावजूद इसके बिलासपुर के तथाकथित सम्मानित नागरिक मदन मोहन अग्रवाल ने कुछ भी सुनने से इंकार कर दिया। इस दौरान उन्होने अपना रूतवा भी दिखाया। बताया कि अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारी हैं। इसके पहले वह आपा खो दें..बर्थ खाली करें।
 
           बावजूद इसके राहुल ने बार बार अपनी तकलीफ के बारे में बताया। व्हील चेयर भी दिखाया। यह भी बताया कि खड़े भी नहीं हो सकते हैं। मुश्किल से ट्रेन पर चढ़े है। उम्मीद है कि परेशानी को संमझेंगे। और दया भी करेंगे। इतना सुनते ही मदन मोहन उखड़ गए और विकलांग युवक को सीट से जबरदस्ती हाथ पकड़ कर उठा दिया। घटना रात्रि करीब 10 बजे की है।
 
      इस दौरान ट्रेन में बैठे अन्य यात्रियों ने भी मदन मोहन को समझाने का प्रयास किया। लेकिन मनमोहन ने किसी की भी बात सुनने से इंकार कर दिया। बार बार दुहराते रहे कि वह रसूखदार इंसान है। अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के राष्ट्रीय पदाधिकारी है। इतना सुनते ही ट्रेन में बैठे अन्य यात्रियों ने मदन मोहन को जमकर भला बुरा कहना शुरू कर दिया। अन्य कई यात्रियों ने राहुल को अपना बर्थ देने की बात कही। लेकिन मदन मोहन टस से मस नही हुए। यह जानते हुए भी कि राहुल अग्रवाल के परिवार को भी परिवार बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश में सम्मान की नजर देखा जाता है।    
 
               बहरहाल विकलांग सेवा के नाम पर धन और नाम कमाने वाले मदन मोहन के संवेदनहीन व्यवहार से राहुल अग्रवाल का परिवार सदमें में है। वहीं यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों ने भी मदन मोहन को आड़े हाथ लेते हुए विकलांग की सेवा के नाम पर ठोंग करने वाला बताया है। मदन मोहन के अमानवीय व्यवहार को लेकर शहर में भी चर्चा है। शहर के वरिष्ठ और गणमान्य नागरिकों ने घटनाक्रम को लेकर मदन मोहन के व्यवहार की निंदा की है। कई लोगों ने तो मदन मोहन को विकलांग चेतना परिषद से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की भी बात कही है।

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