बिलासपुर । छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश किए गए 2021-22 के बज़ट से प्रदेश सरकार के कर्मचारियों में निराशा हुई है। उन्हे उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अपने बज़ट भाषण में कर्मचारियों के डीए और दो साल से बकया एरियर्स का भी ज़िक्र करेंगे। लेकिन उनकी यह उम्मीद बज़ट में पूरी नहीं हो सकी। जिससे बढ़ती मंहगाई में कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिल सकी है।
बज़ट पर यह प्रतिक्रिया छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संरक्षक पी आर यादव नें दी । उन्होने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता पिछले दो साल से रुका हुआ है । कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मंहगाई भत्ते की किश्त ज़ारी करने का एलान बज़ट में होगा । इसी तरह सातवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान भी दो साल से रुका हुआ हा। जिस पर डॉ. रमन सिंह की पूर्ववर्ती सरकार ने आदेश भी ज़ारी कर दिया था । इसका भुगतान अब तक पेंडिंग है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नए बज़ट में इसका भी ज़िक्र होगा । लेकिन उन्हे निराशा हाथ लगी ।
पी आर यादव ने कहा कि इस समय मंहगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल-डीज़ल , रसोई गैस सहित सभी जीवनोपयोगी वस्तुओँ की कीमते बढ़ी हुईं हैं। ऐसे में निम्न मध्यम वर्ग के लोगों का जीवनयापन कठिन हो गया है। इस मंहगाई में कर्मचारियों को राहत देने के लिए डीए औऱ बक़ाया एरियर्स का भुगतान सरकार को करना चाहिए ।