सहायक शिक्षकों के वेतन निर्धारण में विसंगति को दूर कराने एकजुट आंदोलन की जरूरत

Shri Mi
5 Min Read

रायपुर। प्रति शनिवार होने वाले प्रदेश स्तरीय वेतन निर्धारण विसंगति कि पाठशाला का द्वितीय सत्र  शिव सारथी की अध्यक्षता में हुआ। जिसमें मुख्य वक्ता  कार्तिक गायकवाड ने सहायक शिक्षकों में व्याप्त वेतन विसंगति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उचित निराकरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षकों के साथ लगातार धोखा होते आया है, इसके पहले 2011 में क्रमोन्नति का लाभ देकर उन्हे स्तर उन्नयन वेतनमान दिया गया फिर 2013 में  भूतलक्षी प्रभाव से निरस्त कर दिया गया था, उसके बाद 10 साल सेवाकाल के बदले  समयमान वेतनमान का आदेश जारी किया गया जिसकी वेतनमान संरचना 5000-150-20000 विसंगति पूर्ण है क्योंकि पाँचवे  वेतन आयोग  में उच्च श्रेणी शिक्षक का  वेतनमान 5000-150-8000  था उसके बाद शिक्षक के समतुल्य वेतनमान के नाम पर समयमान वेतनमान प्राप्त करने वाले सहायक शिक्षकों को 6 वे वेतनमान का प्रारम्भिक वेतनमान 7440  देकर उसे पुनरीक्षित किया गया जबकि तत्सम प्राप्त वेतनमान 5000 एक वार्षिक वेतन वृद्धि 5150 को  1.86 से  गुणाकर पुनरीक्षित करना था या फिर जब शिक्षक के समतुल्य वेतन दिया गया तो जितने भी सहायक शिक्षक थे जिन्होंने सात से आठ वर्ष सेवाकाल संतोषजनक पूरी कर ली थी उन्हें उच्च श्रेणी शिक्षक का वेतनमान 9300 – 4200 देकर उसे पुनरीक्षित किया जाना था जो नहीं किया गया यही वेतन निर्धारण में विसंगति का कारण बना और वर्षो से एक ही पद एक ही वेतनमान में कार्य करने का कारण जिसे दूर करने के लिए अभी भी जीवित समयमान वेतनमान के आधार पर  सिक्स पे में   पुनरीक्षित वेतनमान का निर्धारण कर सातवें वेतनमान में  मैट्रिक्स लेवल  आठ का रिवाइज एल पी सी जारी कर  लागू करते हुए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा काल की गणना को लागू कराना होगा।

Join Our WhatsApp Group Join Now

अध्यक्षता कर रहे  शिव सारथी ने कहा कि उन्होंने सहायक शिक्षकों को न्याय दिलाने अपने सक्रिय और ऊर्जावान शिक्षक साथियों के साथ सहायक शिक्षकों कि सशक्त संघ सहायक शिक्षक फेडरेशन का निर्माण किया था जिसे कुछ मौका परस्त और अपने को राजनेता बनाने की महत्वकांक्षा रखने वाले ने अपने चाटुकारों के माध्यम से जेबू संगठन बना लिया है ऐसे में अब प्रदेशभर के आम सहायक शिक्षकों कि मांग को लेकर सभी संगठन एक मंच में आकर आंदोलन करना ही समस्या समाधान का रास्ता है जिसके लिए बहुत जल्द राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित किया जाएगा और सांझा रणनीति के तहत एक मांग वेतन निर्धारण में विसंगति को दूर करने के लिए आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा।
बेबीनार को संबोधित करते हुए मुकुट अनिल किंडो ने बताया कहा कि प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त लाभ पदोन्नति क्रमोन्नति /समयमान वेतनमान सहित पुरानी पेंशन बहाली ही एक मात्र रास्ता है। और इसके लिए एक जुटता जरूरी है जिस पर तेजी से काम करने का समय आ गया है।

पूरे कार्यक्रम को श्री रियाज अंसारी जशपुर ने बहुत ही अच्छे ढंग से संचालित किया आज के बेबीनार में अध्यक्षता श्री शिव सारथी बिलासपुर, मुख्य वक्ता श्री कार्तिक गायकवाड रायपुर , सहवक्ता श्री मुकुट अनिल किंडो संचालक श्री रियाज अंसारी के अलावा प्रदेश भर के  संभाग और  जिलों से अब्राहम खलखो आदित्य वर्मा अहिर पूनम अजय अमृत एक्का अनिल कुमार सिन्हा अशोक कुमार श्रीमती बसंती दंडसेना वृंदा पैकरा चंद्रावती नरेटी सिसिलिया किस्टो एक्का देव साए दिलीप लहरी गुरुदयाल प्रसाद हर्ष श्रीवास्तव जगरनाथ कुजुर जगरनाथ प्रधान कमलेश्वर आरमो कमलेश यादव कमरा जी पैकरा किशन लाल साहू किशोर खलखो कोमल जयसवाल महंत मदन बेरा मोहन राम नरूटो निर्मल भगत प्रदीप कनवर प्रफुल्ल भगत प्रकाशमणि देवांगन तोरण सी साहू प्रेमा से एक आर पी कश्यप चंद्रशेखर सिंह राम कन्वर्ट रितेश पांडे रितु यादव उपेंद्र कुमार एस आर दंडसेना संतोष कुमार भारती शत्रुघ्न सिंह सिलौटी  सीतादेवी बुनकर सुभाष चंद्रा सुरेंद्र से चलकर तोरण सिंह साहू विनोद कुमार रात्रे याकूब बसंती दंडसेना आलेख प्रकाश बघेल अशोक पिता अनिल मिश्रा नारायण सिंह अनिल कुमार सिन्हा आलेख प्रकाश बघेल लाल सिंह साहू दिलीप गुप्ता और नेतराम पटेल शामिल रहे।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close