रायपुर।राज्य सरकार ने दीपावली पर पटाखों और आतिशबाजी के लिए सवेरे 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक समय निर्धारित किया है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को मंत्रालय से परिपत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि रात्रि दस बजे से सुबह 6 बजे तक पटाखे नहीं फोड़े जाए। इसके अलावा अधिकारियों को यह भी देखने के लिए कहा गया है कि अस्पतालों, स्कूल-कॉलेजों (शिक्षण संस्थाओं), अदालतों और धार्मिक संस्थाओं आदि के कम से कम 100 मीटर की दूरी तक पटाखे नहीं फोड़े जाएं। आम जनता से भी इसमें सहयोग की अपील की गई है।
परिपत्र में जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के भोपाल स्थित मध्य क्षेत्र की खण्डपीठ द्वारा 18 अप्रैल 2016 को जो आदेश पारित किया गया था, उसका पालन सुनिश्चित किया जाए। इसी आदेश में चार मीटर की दूरी तक 125 डेसीबल या 145 डेसीबल से अधिक शोर करने वाले पटाखों को प्रतिबंधित किया गया है, रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक पटाखे नहीं फोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही पटाखों और आतिशबाजी के लिए सुबह छह बजे से रात्रि 10 बजे तक समय निर्धारित किया गया है। परिपत्र में अधिकारियों को शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों के बीच ध्वनि प्रदूषण और पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण की जानकारी देने और स्कूली बच्चों को तथा स्कूलों में संचालित ईको क्लबों के जरिए शामिल कर जन-जागरण अभियान चलाने के लिए भी कहा गया है।
परिपत्र में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि दिवाली से पहले और दिवाली के दौरान तथा उसके बाद ध्वनि और वायु प्रदूषण को भी नापा जाए। न्यायालय और ध्वनि प्रदूषण (विनियम एवं नियंत्रण) नियम 2000 के तहत जिला मजिस्ट्रेटों, पुलिस अधीक्षकों या डिप्टी कलेक्टरों और पुलिस उपअधीक्षकों के स्तर के अधिकारियों को ध्वनि और वायु गुणवत्ता के मानकों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार माना गया है।
पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव ने इसका उल्लेख करते हुए जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि वे निर्धारित मानकों से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण करने वाले पटाखों के उत्पादन और बिक्री को प्रतिबंधित करें, ताकि दीपावली पर्व के दौरान पटाखों से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके और माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की भोपाल बेंच के पारित आदेश की अवमानना की स्थिति भी निर्मित ना होने पाए।