बिरहोर जनजाति के लोगों तक नए अँदाज़ में पहुंची दिवाली की रौशनी,जब “विश्वाधारंम जन कल्याण सेवा समिति” का मिला साथ..

Chief Editor
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सीपत ( रियाज़ अशरफ़ी ) ।  हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर चारों ओर रौशनी फ़ैल रही है। इस बार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे ज़ाने वाले बिरहोर ज़नज़ाति के लोगों के बीच कुछ नए अँदाज़ में दिवाली की रौशनी पहुंची। जब दिवाली को सार्थक ढ़ंग से मनाने के लिए सामाजिक संस्था “विश्वाधारंम जन कल्याण सेवा समिति” के सदस्यों ने न्यायधानी से 60 किमी दूर सीपत क्षेत्र के वनांचल ग्राम जेवरा के महतो पारा पहुंचकर बिरहोर समाज़ के लोगों के  साथ दीवाली मनाई।

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इस दौरान संस्था ने यहां की महिलाओं को साड़ी, पेटीकोट,ब्लाऊज, पुरूषों को शर्ट, पेंट, टीशर्ट और बालक- बालिकाओं को आकर्षक कपड़ों के अलावा सभी वर्गों के लिए गर्म कपड़े, दिया, बाती, लाई,बतासा, तेल, मिठाई, और श्रीफल देकर अति पिछड़े बिरहोर जनजाति के लोगों के बीच दिवाली की खुशियां बांटी । संस्था के लोगों ने आधुनिक समाज की पहुंच से दूर बिरहोर जनजाति के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने की कोशिश की …. और इस कोशिश में क़ामयाब़ी मिली तो उन्हे लगा कि अपनी दिवाली सार्थक हो गई । संस्था के संस्थापक – समाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत साहू बताते हैं  कि हमारी संस्था “विश्वाधारंम जन कल्याण सेवा समिति” का सिर्फ एक ही मकसद है ….जरूरतमंद लोगों की मदद करना । समाज के अंतिम छोर में बैठे हुए व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़कर समाज का विकास करना…..।  उनका मानना है कि  शहर में लोगो को हर सुख सुविधा आसानी से मिल जाती हैं । लेकिन जो शहर से दूर पहाड़ और जंगल के गांवों में रहते है , उन लोगों तक कोई सुविधा नहीं पहुच पाती । लिहाज़ा हर साल संस्था के लोग ऐसे ही लोगों के बीच दिवाली मनाने पहुंचते हैं। ताकि सुविधाओ से वंचित ऐसे लोगो के चेहरों पर मुस्कान लायई जा सके। इस पुनीत कार्य में संस्था प्रमुख लता गुप्ता,चुन्नी मौर्य, शिखा अग्रवाल, रंजीता दास, जितेंद्र साहु, रोशन ठाकुर, रूपेश शुक्ला, डुग्गू मेहरा,त्रिवेणी शंकर साहू, रोशन साहू का विशेष सहयोग रहा।

      संस्था ने लॉकडाउन में भी बांटे थे जरूरतमंदों को राशन और कपड़े

सामाजिक संस्था के सदस्यों ने लॉकडाउन के साथ ही ओलावृष्टि  और बाढ़ पीड़ितों की मदद की थी । संस्था ने लॉकडाउन में गरीब बस्ती में राशन के पैक़ेट बाँटे थे । बिरहोर जनजाति के लोगो के बीच पहुचकर भी राशन किट,चप्पल,नए कपड़े और जरूरत के अनुरूप सामान देकर मदद की थी।

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