बिलासपुर/बस्तर/कोरबा। जिला कोषालय ने महीने के अंतिम सप्ताह में पड़ने वाले दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों को पत्र जारी कर मासिक वेतन का बिल समय से पहले जमा करा लिए थे, ताकि सभी अधिकारी कर्मचारियों का वेतन दीपावली के पहले जारी किया जा सके। इसके बाद फाइनेंस के आर्डर का इंतजार करते रहे। लेकिन वहां से वेतन जारी करने को लेकर किसी प्रकार का आदेश नहीं आया। इस वजह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला। सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को महीने के आखिरी दिन वेतन जारी होता है।
इस बार दीपावली महीने के अंतिम सप्ताह में पड़ी।इसलिए जिला कोषालय ने सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को 17 अक्टूबर से पे बिल जमा करने कहा है जिससे त्यौहार के पहले कर्मचारियों का वेतन जारी हो सके। लग रहा था कि दीपावली के पहले वेतन मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसका कारण वित्त विभाग का आदेश नहीं मिलना बताया जा रहा है। इधर राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की एरियर्स राशि 6 किस्तों में देने की घोषणा की। एरियर्स की चार किस्त मिल चुकी है। पांचवी किस्त की राशि अक्टूबर महीने में वेतन से अलग कर्मचारियों के खाते में जानी थी।रिपोर्ट के अनुसार यह राशि भी नहीं दी गई। इसमें एक कर्मचारी को लगभग सत्रह हजार मिलने थे।यह राशि मिलने से कर्मचारियों को काफी राहत हो जाती।
बिना वेतन कर्मचारियों की कैसी दिवाली
दीपावली त्यौहार नजदीक है और छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामियों की वजह से राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को अब तक वेतन नहीं मिल पाया है। जिसकी वजह से कर्मचारियों में नाराजगी और मायूसी है। यह बात भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली के लिए सभी तरफ उत्साह का माहौल है लेकिन छत्तीसगढ़ समेत बस्तर संभाग में अभी तक कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिली है। त्यौहार के समय तनख्वाह न मिलने से कर्मचारियों के परिवार पर आर्थिक संकट हो गया है और राज्य सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
केदार कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार संवेदन शून्य हो चुकी है और ऐसी सरकार जो अपने प्रदेश की जनता का सुख दुख ना समझे उसे पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। सरकार जल्द से जल्द कर्मचारियों का वेतन जमा करें ताकि सभी लोग खुशी-खुशी त्योहार मना सकें।
त्योहार के पहले मिले वेतन का कुछ अंश
इधर शासकीय स्कूलों में बच्चों को दीपोत्सव का निबंध पढ़ाने और सिखाने वाले शिक्षकों और उनके परिवारों की दीपावली भी फीकी रह जाएगी। शासन स्तर पर त्यौहार के पहले वेतन भुगतान के लिए आदेश जारी नहीं किए जाने से शिक्षक एलबी संवर्ग को शनिवार तक वेतन भुगतान नहीं हो सका। इसे शिक्षकों में मायूसी के साथ रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि प्रदेश बनने के बाद से यह पहली बार है जो त्यौहार के पहले कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं किया गया।
छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ओम प्रकाश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद से लेकर आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि दीपावली जैसे अपार खुशियों से परिपूर्ण महत्वपूर्ण त्यौहार पर शिक्षक निराश हुए हो और शासन स्तर पर त्यौहार पूर्व वेतन भुगतान के लिए आदेश जारी न किया गया हो।
शासकीय कर्मचारियों के लिए यह त्यौहार ऐतिहासिक है क्योंकि अब तक ऐसी कोई परिपाटी नहीं रही। वेतन भोगी शासकीय कर्मचारी जो शासन के कर्म और ज्ञान इंद्रिय दोनों है ।श्री बघेल ने कहा कि सरकार की इस नई परंपरा से प्रदेश के कर्मचारी बेहद दुखी हैं।मायूस तो है, आक्रोशित भी है।
खासकर शिक्षक एलबी समुदाय में गहरा असंतोष और नाराजगी देखी जा रही है। शासन की बेरुखी से इस वर्ष स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत की एल बी शिक्षक कर्मचारियों के घर तनख्वाह के अभाव में दीपावली सुनी रह जाएगी। कोरबा जिले में शासकीय ,प्राथमिक ,प्राथमिक हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत संवर्ग अंतर्गत करीब 8 हजार शिक्षक हैं जो वेतन आदेश नहीं होने से प्रभावित हो रहे हैं। इनमें लोकल बॉडी शामिल है जो पंचायत से स्कूल शिक्षा विभाग में 18 जुलाई 2018 को किए गए हैं।
पूरे प्रदेश को देखें तो एलबी संवर्ग के शिक्षकों की संख्या करीब दो लाख है। शिक्षकों के परिजनों में सरकार द्वारा अक्टूबर महीने का दिवाली पूर्व वेतन प्रदान करने का आदेश जारी नहीं होने से आक्रोश है। दिवाली के पहले वेतन भुगतान आदेश नहीं होने से शिक्षक एलबी संवर्ग एवं उन सभी कर्मचारियों के परिवार की खुशियां बिना वेतन अधूरी रह जाएंगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने इस पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। संघ की अपेक्षा है कि भविष्य में दीपावली जैसे अपार खुशियों से परिपूर्ण महत्वपूर्ण त्यौहार के पहले कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह का कुछ अंश भुगतान करने की व्यवस्था की जाए।
वही मध्यप्रदेश में इस बार कर्मचारियों को उनका वेतन समय से पहले मिल जाएगा. प्रदेश के करीब 7.50 लाख सरकारी कर्मचारियों के खाते में दिवाली से पहले 22 तारीख तक सैलरी आने की संभावना है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.
इस बार दिवाली का त्यौहार महीने के आखिरी में 24 अक्टूबर को पड़ रहा है. आमतौर पर कर्मचारियों की सैलरी 30 तारीख या उसके बाद खाते में आती है. दिवाली पर खर्च को लेकर उनके सामने समस्या हो सकती थी. लिहाजा सरकार ने कर्मचारियों के हित में फैसला लेते हुए 24 अक्टूबर से पहले ही सैलरी देने का फैसला किया. मध्य प्रदेश में करीब साढ़े सात लाख सरकारी कर्मचारी काम करते हैं.
सीएम ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया ये सरकारी कर्मचारियों को ये खुशखबरी दी. उन्होंने लिखा दीपावली का पावन पर्व आ रहा है. हमारे सभी कर्मचारी साथी परिवार सहित दीपावली हर्षोल्लास के साथ मनाएं, इसलिए हम इस माह का वेतन दीपावली से पहले देने का आदेश जारी कर रहे हैं. सभी कर्मचारी साथियों को दीपावली की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.