Vastu Tips: भूलकर भी इस दिशा में न बनवाए टॉयलेट, वरना छीन जायेगा घर का सुख-चैन

Shri Mi
3 Min Read

Vastu Tips for Toilet: वास्तु शास्त्र में घर के टॉयलेट को महत्वपूर्ण माना जाता है और यह आपकी ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है।  ठीक से वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्मित टॉयलेट सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जबकि गलत वास्तु टॉयलेट नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

नकारात्मक ऊर्जा घर के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जो उनके भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। यह आपके मन को अस्थायीता, तनाव, व्याकुलता और अनुचित विचारों के प्रभाव में रख सकता है।इसलिए, टॉयलेट का सही वास्तु और स्थान चयन करने के लिए वास्तुशास्त्र के मार्गदर्शन का पालन करना उचित होता है। वास्तु के अनुसार टॉयलेट से जुड़े कुछ टिप्स इस प्रकार है :

वास्तु शास्त्र में टॉयलेट की स्थान दिशा का महत्व मान्या जाता है। उत्तर-पश्चिम दिशा टॉयलेट के लिए अनुकूल मानी जाती है, क्योंकि इसे सौभाग्य, समृद्धि और प्रगति के लिए शुभ माना जाता है।

इसके बदले में, ईशान कोण में टॉयलेट बनाने को वास्तु शास्त्र में अनुशंसित नहीं किया जाता है, क्योंकि यह देवताओं की दिशा मानी जाती है और इसलिए इस दिशा में टॉयलेट में नहीं बनाया जाना चाहिए.

टॉयलेट को सही दिशा में बनाने के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि उसका स्थान ध्यान से चुना जाए। इसे विश्राम क्षेत्र और निजी स्थानों से दूर रखने का प्रयास करें ताकि परिवार के अन्य सदस्यों को टॉयलेट से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव न हो।

टॉयलेट का रंग हो कुछ ऐसा :
टॉयलेट का रंग बेज, क्रीम और ब्राउन जैसे गहरे न्यूट्रल होना चाहिए। ये रंग उत्तेजना को कम करके शांति और सुख के माहौल को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, इन रंगों का उपयोग टॉयलेट में शुद्धता और शांति का अनुभव कराने में मदद करता है।

गहरे रंगों जैसे काले और लाल रंग का इस्तेमाल टॉयलेट में नहीं किया जाना चाहिए। इन रंगों का उपयोग घर में तनाव का माहोल उत्पन्न कर सकता है यही नहीं इन रंगों से   नकारात्मक ऊर्जा बढती है।

बालकनी में न बनवाए टॉयलेट:वास्तु शास्त्र में बालकनी में टॉयलेट बनाने को अच्छा नहीं माना जाता है। बालकनी में आप स्वयं को प्रकृति के संपर्क में लाते हैं और शांति और प्रकृति का आनंद लेते हैं। टॉयलेट को बालकनी में बनाने से यह प्राकृतिक और स्थिर माहौल को प्रभावित कर सकता है और नकारात्मक ऊर्जा बढती है।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close