विष्णुदेव साय का तंज- भूपेश चिंता ना करें..युवा सेना में भर्ती होंगे कांग्रेस में नहीं..!

Shri Mi
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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अग्निपथ योजना पर सवाल खड़े करने के जवाब में कहा है कि इस योजना के तहत युवा देश की समर्थ सेना में शामिल होंगे, वे उस कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं जिसके नेता जेल और वेल के खेल में बेपर्दा हो चुके हैं। इसलिए भूपेश बघेल की चिंता कपोल कल्पित है कि सेवा निवृति के बाद युवा अपराधी बन गए तो क्या होगा! भूपेश बघेल को चिंता है कि इन्हें हथियार का प्रशिक्षण मिलेगा, यदि अग्निपथ के तहत सेना से सेवा पूरी होने के बाद इन्हें पुलिस के रूप में नौकरी नहीं मिली तो वे भटक सकते हैं, यह चिंता व्यर्थ तो है ही, कांग्रेस की सोच भी भूपेश बघेल के बयान से स्पष्ट हो रही है कि कांग्रेस इन युवाओं को पुलिस की नौकरी देने की मंशा नहीं रखती।

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होना तो यह चाहिए था कि भूपेश बघेल युवाओं को रोजगार देने वाली अग्निपथ योजना का स्वागत करते हुए कहते कि कांग्रेस की राज्य सरकार भी इन युवाओं की सेवा प्राथमिकता के आधार पर लेगी। लेकिन रोजगार का झांसा देकर युवाओं को गोबर बटोरने के काम में लगा देने वाले भूपेश बघेल से यह उम्मीद करना ही बेमानी है कि वे किसी बेहतर रोजगार योजना का समर्थन करेंगे। वैसे भी अब भूपेश बघेल की सरकार बहुत कम समय की मेहमान है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस लगातार देश की पराक्रमी सेना का अपमान कर रही है। इनके नेता राहुल गांधी सेना के शौर्य के सबूत मांगते हैं और अब भूपेश बघेल कह रहे हैं कि 4 साल बाद युवा गिरोह बना लेंगे। ये सेना और देश के युवाओं का अपमान है।सेना में कई लोग 15 साल रहते हैं। 40 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाते हैं तब क्या वे गिरोह बनाते हैं? एनसीसी के बच्चों को भी बंदूक चलाना सिखाया जाता है तो क्या वे गिरोह चलाते हैं?

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि देश के युवाओं को बरगलाना, उन्हें बेकारी की अंधेरी खाई में गिराना कांग्रेस का इतिहास रहा है। भूपेश बघेल राज्य में वादे के मुताबिक युवाओं को न तो रोजगार दे सके हैं और न ही बेरोजगारी भत्ता देने का चुनावी वादा पूरा किया। अब तो कांग्रेस अपने घोषणा पत्र से भी मुकर गई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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