CG-संघ की मांग,नवीन पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करें

Shri Mi
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रायपुर-डबल सौगात मिलने पर कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है. वही महिला कर्मचारी भी फाइव डे वीक कि घोषणा से गदगद हैं.कर्मचारी नेता विजय झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 73 वें गणतंत्र दिवस समारोह पर मां दंतेश्वरी की माटी जगदलपुर में ध्वजारोहण के दौरान विभिन्न जनहित में घोषणा की गई जिसमें प्रदेश के शासकीय कार्यालयों को पांच दिवसीय सप्ताह प्रणाली लागू करने की घोषणा की गई है। अब इस घोषणा से प्रदेश के शासकीय सेवकों को प्रत्येक शनिवार रविवार को अवकाश का लाभ मिलेगा तथा कर्मचारी स्वस्थ, मस्त, तरोताजा होकर स्वस्थ चित्त से शासन की योजनाओं को लागू करेंगे। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में कार्यरत एवं 2004 के बाद नियुक्त अंशदायी पेंशन योजना के कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान को 10% से बढ़ाकर 14% करने की भी घोषणा की गई है छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा ने इन दोनों कर्मचारी हित में किए गए घोषणाओं का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रधानमंत्री भी 2004 के बाद नवीन पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करें यह मांग भी सामयिक है, संघ द्वारा की गई है।

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छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रांतीय अध्यक्ष रंजना ठाकुर एवं प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ की महिला संयोजक डॉ अरुंधति राय ने मुख्यमंत्री द्वारा पांच दिवसीय सप्ताह घोषित करने के निर्णय का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश के महिला कर्मचारियों को दोहरी जवाबदारी निभानी होती है। एक तरफ शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन करना तो दूसरी ओर पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों को निभाना, ऐसी स्थिति में यह प्रदेश के लाखों महिला कर्मचारियों के हित में लिया गया समसामयिक निर्णय है। ज्ञातव्य है पूर्ववर्ती सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिला कर्मचारियों को आधे घंटे पूर्व अवकाश देने की घोषणा की थी, किंतु 15 वर्ष के कार्यकाल में उस वादे को पूरा नहीं किए जाने से महिला कर्मचारी दुखी थे। आज दुख दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति हृदय से साधुवाद ज्ञापित किया गया है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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