शिक्षाविद्,मशहूर ज्योतिषज्ञ..M.N.SINHA का निधन.. शिक्षा-जगत में शोक..विधायक शैलेष समेत गणमान्य लोगों ने कहा..गुरू जी भविष्य बनाते नहीं भाग्य गढ़ते थे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मशहूर केप एस्ट्रोजिस्ट और लब्ध प्रतिष्ठित शिक्षाविद् मानवेन्द्र नाथ सिन्हा का निधन हो गया है। एमएन सिन्हा ने अपना सारा जीवन बच्चों के भविष्य निर्माण में खर्च किया। वह 82 साल के थे। शासकीय सेवा से अवकाश प्राप्त अंग्रेजी के प्राध्यापक एमएन सिन्हा को ना केवल शिक्षा जगत बल्कि शासन प्रशासन में बहुत ही सम्मान की नजर से देखा जाता था। एमएन सिन्हा बिलापुर जिला महिला एवं बाल विकास के अधिकारी डॉ. तारकेश्वर सिन्हा और जांजगीर चांपा कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हां के पिता हैं। शिक्षाविद् एमएन सिन्हा की बेटी गुरूघासी दास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र की विभागाध्यक्ष है। दूसरी बेटी लतिका श्रीवास्तव मध्यप्रदेश स्थिति अनूपपुर में व्याख्याता पद पर कार्यरत हैं। 
 
             देश के मशहूर केप एस्ट्रोलाजिस्ट और अग्रेजी भाषा के विद्वान, शिक्षाविद् मानवेद्र नाथ सिन्हा का  गुरूवार को इलाज के दौरान अचानक निधन हो गया। एमएन सिन्हा को एक दिन पहले ही बुधवार को इलाज के लिए भर्ती किया गया था। गुरूवार को सुबह करीब साढ़े आठ बजे उन्का निधन हो गया ।मौके पर उनके बेटे जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी डॉ.तारकेश्वर सिन्हा, जांजगीर कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा के अलावा डॉ.अनुपमा सिन्हा समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। बताया जा रहा है  सिन्हा का निधन कार्डियक अरेस्स्ट हो हुआ है।
 
             शिक्षाविद् एमए सिन्हा अपने पीछे धर्मपत्नी सुषमा सिन्हा समेत बेटा बेटी, नाती नातिन, पोते पोतियों समेत के साथ भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। 
 
               22 दिसम्बर को जब देश में सबसे बड़ी रात होगी…शिक्षा विद् एमएन सिन्हा के निधन का समाचार प्रदेश के बुद्धिजीवी वर्ग पर दुखों का पहाड़ बनकर गिरा है। मशहूर ज्योतिषशास्त्री और बहुआयामी प्रतिभा के धनी मानवेन्द्र नाथ सिन्हा का नाम शिक्षा जगत में बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है। वर्तमान में कई राजनेता और अधिकारी समेत पत्रकारिता क्षेत्र के दिग्गज हस्तियों का भी उन्होने भविष्य सवारा है। उन्होने शिक्षा जगत को अपना पूरा जीवन समर्पित किया। तत्कालीन बिलासपुर जिले के अविभाज्य तहसील और वर्तमान जिला गौरेला पेन्ड्रा मरवाही, रायगढ़,कोटा, बिलासपुर, अविभाज्य मध्यप्रदेश समेत छत्तीसगढ़ के कई ब्लाक और जिलों में अपनी सेवाओं को छात्र छात्राओं को समर्पित किया। 
 
                      अंग्रेजी भाषा के विषद जानकार और कई विषयों में एकाधिकार रखने वाले शिक्षाविद् एमएन सिन्हा का नाम  ना केवल छात्र छात्राओं बल्कि प्रशासनिक जगत में बहुत ही अदब के साथ लिया जाता है। बहुत ही कम लोगों को जानकारी है कि उन्हें देश के ज्योतिषाचार्यों के बीच द ग्रेट केप-एस्ट्रोलाजिस्ट के नाम से जाना जाता है। एमएन सिन्हा जिला शिक्षाधिकारी के पद पर भी कार्य किया। पीजीबीटी कालेज में बतौर प्राध्यापक बच्चों को उज्जवल भविष्य को दिशा दिया। 
 
                             सिन्हा का अंतिम संस्कार सरकन्डा मुक्तिधाम में गणमान्य लोगों की उपस्थिति में किया गया। बड़े पुत्र डॉ.तारकेश्वर सिन्हा ने मुखाग्नि दिया। इस दौरान उपस्थित गणमान्य लोगों के अलावा अन्य लोगों ने अपनी भावनाओं को श्रद्धासुमन के साथ भेंट किया। 
 
बहुआयामी व्यक्तित्व और सादगी की प्रतिमूर्ति
 
               शोक सभा में स्थानीय नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने अपनी भावनाओं को जाहिर किया। विधायक ने कहा कि एमएन सिन्हा का व्यक्तित्व विराट था। जभी मिला उनकी सादगी ने मन को मोह लिया। उन्होने अपने पूरे परिवार को कुछ ऐसा संस्कार दिया कि बड़े बड़े पदों पर होते हुए भी उनके बेटों ने सादगी और ईमानदारी का साथ कभी नहीं छोड़ा। उन्होने हमेशा निजि स्तर पर मार्ददर्शन भी किया है।
 
मशहूर केप एस्ट्रोलाजिस्ट
 
                 शोक सभा में एमएन सिन्हा के प्रिय व्यक्ति ने बताया कि वह बहुत बड़े ज्योतिषाचार्य थे। यह अलग बात है कि उन्होने इस बात को जग जाहिर नहीं किया। उनके शोध को दक्षिण भारत के मशहूर विद्वान ने ना केवल कबूल किया। बल्कि उनके शोध को जस के तस भी कबूल किया है। 
 
भविष्य बनाते नहीं..गढ़ते थे
 
                कांग्रेस नेता डॉ. बद्री जायसवाल ने बताया कि उन्हें इस बात का गर्व है कि सिन्हा सर के शिष्य हैं। दरअसल वह एक ऐसे लोहार थे..जिन्हें जीवन का आकार प्रकार देना बहुत अच्छी तरह से आता था।  उन्होने पढ़ाई के प्रति लापरवाही को लेकर कभी समझौता नहीं किया। उनकी मार आज भी याद है। इसके साथ यह भी याद है कि उन्ही के प्रयास से एमबीबीएस की पढ़ाई का अवसर मिला। वह अच्छे शिक्षक, अच्छे कोच और भविष्य के अच्छे निर्माता थे। 
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