ऩई दिल्ली-ईद-उल-फितर का त्योहार आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।दिल्ली, लखनऊ समेत पूर देश के सभी शहरों में मौजूद मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की जा रही है।इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली के शाही ईमाम ने कहा कि नया चांद शुक्रवार शाम लगभग 7.35 बजे दिख गया है। मैं ईद-उल-फितर के पाक मौके पर सभी देशवासियों को दिली मुबारकबाद और शुभकामनाएं देता हूं।गौरतलब है कि ईद का त्योहार नया चांद दिखने के अगले दिन शुरू होने वाले शव्वाल के महीने के पहले दिन मनाया जाता है।बुखारी की इस घोषणा के बाद ईद की खरीदारी के लिए बाज़ार में लोगों की भीड़ लग गई। शुक्रवार को रमजान के पवित्र महीने के आखिरी दिन अलविदा की नमाज अदा की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ईद की बधाई दी।राष्ट्रपति कोविंद ने कहा,’सभी देशवासियों, खास तौर से देश और विदेश के हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद मुबारक। यह शुभ दिन आप सब के परिवारों के लिए खुशियां और जश्न लाए और हमारे साझा समाज में भाईचारे, आपसी सौहार्द और मेल-मिलाप को मज़बूत बनाए।’वहीं पीएम मोदी ने कहा,’ईद मुबारक, यह दिन हमारे समाज की एकता और सद्भाव के बंधन को मजबूत करें।’
सभी देशवासियों, खास तौर से देश और विदेश के हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद मुबारक। यह शुभ दिन आप सब के परिवारों के लिए खुशियां और जश्न लाए और हमारे साझा समाज में भाईचारे, आपसी सौहार्द और मेल-मिलाप को मज़बूत बनाए — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 16, 2018
बता दें कि गुरूवार को चांद का दीदार नहीं होने के कारण ईद देश भर के ज्यादातर हिस्से में शनिवार को मनाई जा रही है। हालांकि केरल में ईद 15 जून को ही मनाई गयी थी।ईद का त्योहार हर देश में अलग-अलग तारीख को मनाई जाती है।हिजरी कैलेंडर (हिजरी संवत) के दसवें महीने यानी शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फ़ितर मनाया जाता है। रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग 29 से 30 दिनों तक रोजा रखते हैं। इस साल रमजान का पहला रोजा 17 मई से शुरू हुआ था।
Eid Mubarak! May this day deepen the bonds of unity and harmony in our society. https://t.co/lSeBAUc6JW
— Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2018
रमजान का महीना है सबसे पवित्र
इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। अरबी भाषा में इसे ‘रमादान’ कहते हैं। इस पूरे महीने में सूरज छिपने तक बिना कुछ खाये-पिए रोजा रखा जाता है। जो रोजे रखते हैं, वह सवेरे जल्दी उठ कर खा लेते हैं, जिसे सहरी कहा जाता है। शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है।