बहुत हुआ..छात्राओं ने हाथ जोड़कर कहा..ना तो खाली पेट पढ़ाई होगी..और ना ही चरित्र पर ऊंगली उठाने वाला ही मंजूर..प्रशासन अधीक्षिका को हटाए

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—चरित्र पर लगातार शक किए जाने और प्रताड़ना से परेशान पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुस्सा जाहिर किया है। छात्राओं ने बताया कि छात्रावासा अधीक्षिका उषा केशरवानी ने जीना मुश्किल कर दिया है। अब हमारे सामने या तो छात्रावास छोड़ने का विकल्प है या फिर पढ़ाई छोड़ने की। छात्राओं ने कहा कि छात्रावास अधीक्षिका की गुण्डागर्दी के चलते किसी भी छात्रा को भरपेट खाना नहीं दिया जाता है। ऐसी सूरत में छात्रावास में रहना और पढ़ाई करना नामुमिन हो गया है।
 
                दुखी और भारी मन से छात्रावास अधीक्षिका से परेशान पोस्ट मैट्रिक पिछड़ा वर्ग कन्या छात्रावास शांतिनगर की छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन को छात्राओं ने लिखित शिकायत कर छात्रावास अधीक्षिका ऊषा केशरवानी को जल्द से जल्द हटाए जाने की मांग की।
 
              पोस्टमैट्रिक छात्रावास शांतिनगर की छात्राओं ने बताया कि  छात्रावास अधीक्षिक उषा केशरवानी प्रताड़ित करने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देती है। बेहद लापरवाह और भ्रष्ट अधीक्षिका ने प्रताड़ित करने की सीमा को भी पार कर दिया है। बताने में शर्म आती है कि ऊषा केशरवानी सभी छात्राओं की चरित्र पर उंगली उठाती है। इसके अलावा शासन से मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं पर अंकुश लगा दिया है। विरोध करने पर धमकी देती हैं कि अधिकारी से शिकायत करेंगे। ऊषा केशरवानी ने छात्राओं का जीना मुश्किल कर दिया है। अब तक हम लोगों ने सभी प्रतकाड़ना को मुंह सीलकर सहा। लेकिन उन्होने अब तो चरित्र पर उंगाली उठाना शुरू कर दिया है। इस बात को हम छात्राएं किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेंगे। प्रशासन से गुहार है कि हमारी शिकायतों को पहले जांचा परखा जाए। यदि आरोप झूठा है तो हमें सजा भी दी जाए। अन्यथा अधीक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
 
           जिला प्रशासन को अपनी लिखित शिकायत में छात्राओं ने बताया कि हम लोग को आधा पेट खाना दिया जाता है। उषा केशरवानी भोजन भत्ता आधा हिस्सा अपने जेब में रखती हैं। छात्रावास भवन की स्थिति जर्जर है। बाउंड्रीवाल को पार कर जब तब असामाजिक तत्व अन्दर घुस जाते हैं। जिसके चलते हमारी सुरक्षा मुश्किल है। हाल फिलहाल छात्रावास मे चोरी की घटनाएं हो चुकी है। बावजूद इसके छात्रावास अधीक्षिका कुछ कार्रवाई करने की वजाय..छात्राओं को ही परेशान करती हैं। 
 
          छात्राओं ने बताया कि छात्रावास अधीक्षिका ज्यादातर छात्रावास का संचालन अपने घर से ही करती है। जिसके चलते शिक्षण कार्य भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। छात्राओं ने कहा कि हम लोग पढ़ने आए हैं। लेकिन खाली पेट पढ़ाई मुश्किल है। हर समय असुरक्षा भय बना रहता है। जब शिकायत की बात सामने आती है तो छात्रावास अधीक्षिका ने चरित्र पर उंगली उठाना शुरू कर दिया है।
 
             हमारा जिला प्रशासन से हाथ जो़ड़कर निवेदन है कि शिकायत को गंभीरता से लेते उषा केशरवानी को तत्काल अधीक्षिका के भार से मुक्त कराया जाए।
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