EVM में नहीं हो सकती वोटों की हेरा-फेरी,CEO सुब्रत साहू बोले-टैम्पर-प्रूफ है मशीने

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ( ईवीएम) में वोटों की हेरा-फेरी अथवा उसका जोड़-तोड़ कतई संभव नहीं है, क्योकि मशीन की बैलेट यूनिट में अभ्यर्थियों के नामों का क्रम उनकी दलीय सम्बद्धता और उनके स्वयं के नामों पर आधारित होता है, जो पहले से कभी भी निश्चित नहीं किया जा सकता। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी साहू ने ईव्हीएम और व्हीव्हीपीएटी मशीनों के बारे में आम जनता की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया की नई व्यवस्थाओं के संबंध में आम जनता में उत्सुकता भी देखी जा रही है।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्मित सभी प्रकार के ईवीएम (EVM), जो देश में सामान्य निर्वाचन मे उपयोग की जाती हैं , वे सभी टैम्पर-प्रूफ  हैं ।

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EVM के उपयोग के संबंध में विस्तृत एवं अद्यतन प्रशासनिक एवं प्रक्रियात्मक सुरक्षा के ढांचें के अन्तर्गत ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी के प्रथम स्तर की जांच, एवं उसके अन्तर्गत किये जाने वाले मॉक पोल के कठोर मापदण्ड, ईव्हीएम पर अभ्यर्थियों की संख्या एवं नामों की सेटिंग, तथा मतदान दिवस पर मतदान के ठीक पूर्व मॉक पोल के माध्यम से मषीनों की चेकिंग की जाती है। ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी के द्वि-स्तरीय रेण्डमाईजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी के संग्रहण हेतु दृढ़ कक्ष एवं सख्त सुरक्षा प्रबंध किया जाता है, जिसमें ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी के आवाजाही एवं समस्त प्रक्रिया की वीडियोग्राफी तथा सीसीटीव्ही कव्हरेज करने के मापदण्ड निर्धारित है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि उपरोक्त समस्त कार्यों के लिए भारत निर्वाचन आयोग के एक निर्धारित SOP (स्टैण्डर्ड आॅपरेटिंग प्रोसिजर) का सर्वथा पालन किया जाता है। इन विस्तारित, प्रशाासकीय एवं प्रबंधकीय संरचना के माध्यम से इन मशीनों का प्रभावी एवं निष्पक्ष उपयोग सुनिश्चित किया जाता है, जिससे ईव्हीएम में किसी भी प्रकार की टैम्परिंग की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती। ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपीएटी को संग्रहण केन्द्रों में सख्त सुरक्षा प्रबंधों के तहत डबल लॉक में रखा जाता है एवं राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थितियों में ही उसे खोला जाता है। प्रथम स्तर की जांच एवं मॉक पोल भी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष किया जाता है तथा जिला स्तर पर मशीनों का प्रथम रेण्डमाईजेशन एवं विधानसभा स्तर पर द्वितीय रेण्डमाईजेशन किया जाता है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि ईव्हीएम पर कैण्डिडेट सेटिंग राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों अथवा उनके प्रतिनिधियों के समक्ष ही किया जाता है। यहाँ पर यह भी उल्लेखनीय है कि मतपत्र एवं बैलेट यूनिट में अभ्यर्थियों के नाम देवनागरीे वर्णक्रम में, जिसमें पहले राष्ट्रीय एवं राज्य की मान्यता प्राप्त दलों के अभ्यर्थी होते हैं, उसके पश्चात् राज्य के पंजीकृत दलों के अभ्यर्थी एवं अंत में निर्दलीय अभ्यर्थियों के नाम क्रमानुसार रखे जाते हैं। अतः बैलेट यूनिट में अभ्यर्थियों के नामों का क्रम उनके दलीय संबंद्धता एवं स्वयं के नामों पर आधारित होते हैं, जो पूर्व से कभी भी विनिश्चित नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार बैलेट पेपर पर अभ्यर्थियों के नामों का क्रम निर्धारण प्रक्रिया पूर्व संभव नहीं हो पाने से ईव्हीएम सॉफ्टवेयर में पूर्व से अभ्यर्थियों का सरल क्रमांक विनिश्चित किया जाना कतई संभव नहीं है, एवं वोटों की हेराफेरी अथवा उसका जोड़-तोड़ नहीं हो सकता। अतः प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में उपयोग होने वाले ईव्हीएम मशीनों में दल विशेष के अभ्यर्थियों का क्रम भिन्न होगा, जिसका कि पूर्वानुमान किसी को नहीं हो सकता है, अतः पूर्व से ही किसी अभ्यर्थी के संबंध में जोड़-तोड़ कर पाना संभव नहीं है।

उन्होंने यह भी बताया कि मतदान दलों की रवानगी के समय ईवीएम एवं व्हीव्हीपीएटी मशीनों को पर्याप्त सुरक्षा के साथ गंतव्य स्थल तक पहुंचाया जाता है। मतदान दिवस पर भी मतदान अभिकर्ता के समक्ष छद्म मतदान (mock poll) एवं इसमें डाले गए मतों को विलोपित करने की कार्यवाही अभ्यर्थियों के निर्वाचन अभिकर्ताओं के समक्ष की जाती है, तथा VVPATs से टेस्ट के दौरान भी निकली हुई पर्चियों को निकाल कर ईवीएम एवं व्हीव्हीपीएटी दोनों मशीनों को वास्तविक मतदान के लिए तैयार किया जाता है। यह उल्लेखनीय है कि उपरोक्त वर्णित समस्त निर्वाचन प्रक्रिया संबंधी गतिविधियां एवं कार्यवाहियां राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि अथवा अभ्यर्थी अथवा मतदान अभिकर्ता के समक्ष ही की जाती है।

सुब्रत साहू ने बताया कि समय के अंतराल में तकनीकी प्रगति के साथ सामंजस्य रखते हुए ईवीएम तकनीक को भी अपग्रेड किया जाता है। सभी ईव्हीएम मशीनें तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत एवं निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु सक्षम हैं। व्हीव्हीपीएटी मशीनें छत्तीसगढ़ में इस वर्ष के विधानसभा आम चुनाव में प्रथम बार उपयोग में लाए जाएंगे। इनका उपयोग समस्त मतदान केंद्रों में होगा। व्हीव्हीपीएटी मशीन में मतदाता को उसके द्वारा किये गए मतदान के संबंध में एक पर्ची लगभग 7 सेकंड के लिए प्रदर्शित होगी, तत्पश्चात वह पर्ची कटकर व्हीव्हीपीएटी मशीन के अंदर डिब्बे में गिर जाएगी।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आगे बताया कि निर्वाचन संचालन नियम 56 (B) के तहत प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के किसी एक रैंडमली चयनित मतदान केंद्र के व्हीव्हीपीएटी की पर्चियों की गणना भी ईव्हीएम की गणना से मिलान करने के लिए की जाएगी। यदि किसी मतदान केंद्र के ईवीएम की गणना के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो निर्वाचन संचालन नियम 56 (D) के तहत रिटर्निंग ऑफिसर को पूर्ण अधिकार होगा कि वह संबंधित मतदान केंद्र के व्हीव्हीपीएटी की पर्चियों की गणना के संबंध में एक बोलता हुआ आदेश पारित कर सकता है, अथवा वह ऐसी शिकायत को सकारण निरस्त भी कर सकता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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