‘कोरोना के सब-वेरिएंट BA.5 से दिमाग पर होता है गहरा असर’, जानें इस दावे की सच्चाई

Shri Mi
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Fact Check News: चीन समेत कई देशों में कोविड ने हाहाकार मचा रखा है. ऐसे में भारत में कोरोना को लेकर खास एहतियात बरती जा रही है. इसी बीच कोरोना के एक सब-वेरिएंट को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें भी फैलाईं जा रही हैं. ऐसी ही एक वायरल खबर (Viral News) को पीआईबी (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने ‘भ्रामक’ बताया है.

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दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वायरल खबर में कहा जा रहा है कि कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रोन का सब-वेरिएंट BA.5 ‘मस्तिष्क के लिए घातक’ हो सकता है. ट्विटर पर इसके बारे में प्रतिक्रिया देते हुए पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट ने कहा कि ये खबर भ्रामक है और ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. अध्ययन में ऐसी कोई बात साबित नहीं हुई है.

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि शोधकर्ताओं का मानना है कि चीन में बढ़ रहा कोरोना वायरस सब-वेरिएंट BA.5 मस्तिष्क पर हमला करने के लिए विकसित हो सकता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि अध्ययन पिछली धारणाओं को चुनौती देता है कि वायरस आमतौर पर कम खतरनाक हो जाते हैं. कोरोना वायरस के ओमिक्रोन सब-वेरिएंट BA.5 पर नए शोध ने सुझाव दिया है कि ये दिमाग पर हमला करता है.

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि कई अध्ययनों से पता चला है कि BA.5 अन्य ओमिक्रोन सब-वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक है और कोविड-19 टीकाकरण से भी बच सकता है. ये वेरिएंट 100 से अधिक देशों में पाया गया है. चीन, जापान के साथ-साथ अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में इस वेरिएंट का प्रकोप देखा जा रहा है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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