मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सील से बनाया बनाया फर्जी दस्तावेज..जांच पड़ताल में पुलिस खुलासा.. दो आरोपी गिरफ्तार..कार समेत सामाना भी जब्त

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— सिविल लाईन पुलिस ने मजिस्ट्रेट का जाली हस्ताक्षर और कूट दस्तवेज तैयार करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा -379, 467, 468, 471, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी को गिरफ्तार न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
 
                   मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पदनाम की सील कोर्ट से चोरी कर कूटरचित हस्ताक्षर बनाने और जाली दस्तावेज तैयार करने वाले आरोपी कोे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। सिविल लाइन पुलिस ने  आरोपी खुद को ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का पत्रकार बताने वाले को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद जेल दाखिल कराया है। आरोपी के पास से पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर के सील और फर्जी हस्ताक्षर वाले कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया है।
 
           सिविल लाइन पुलिस के अनुसार 30 दिसम्बर को मुखबीर से जानकारी मिली कि सांची कालोनी सरकंडा निवासी राजेश मैसी अपने कार में ऑल इंडिया काईम प्रेस का पट्टी लगाकर घूम रहा है। कार पर ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का लोगो भी लगाया है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी करने के ईरादे से शहर में घूम रहा है।
 
                 मुखबीर की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। त्वरित कार्यवाही करते हुए सिविल लाईन और सायबर सेल की संयुक्त टीम का गठन कर आरोपी को घेराबन्दी किया गया। संदिग्ध सफेद रंग के स्कोडा कार क्रमांक सीजी 10 यू 7733 को रोककर जांच पड़ताल किया गया। कार के पीछे ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का नाम का पट्टी स्टीकर लगा पाया गया। कार के सामने ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का लोगो लगका मिला।
 
        शनिप रात्रे ने बताया कि कार में चालक राजेश मैसी नामक व्यक्ति सवार मिला। पूछताछ करने पर अपने आपको ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया का डायरेक्टर बताया। दस्तावेज भी खंगाला गया।  राजेश मैसी ने ऑल इंडिया काईम प्रेस मिडिया की सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज पेश किया।
 
    छानबीन के दौरान दस्तावेज पर 0ffice of ragistarar of news paper for Indid application for title के फार्म पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के पदनाम का सील एवं हस्ताक्षर होना पाया गया। एक घोषणा पत्र मे  सीजेएम डमरूधर चौहान के पदनाम का सील और हस्ताक्षर होना पाया गया। घोषणा पत्र में सायरन लगाने के लिए सीजेएम बिलासपुर का परमिशन लिखा था।
 
            बरादम सभी दस्तावेज प्रथम दृष्ट्या फर्जी और कूटरचित हस्ताक्षर होना लगा।  सिविल लाईन बिलासपुर में सीजेएम न्यायालय से भेजे गए डाक और अन्य दस्तावेज से सीजेएम डमरूधर चौहान के हस्ताक्षर से मिलान किया गकया। इस दौरान न्यायालय के दस्तावेज और राजेश मैसी के माध्यम से पेश किए गए दस्तावेज के हस्ताक्षर में भिन्नता देखने को मिला।
 
            गहन जांच पड़ताल के दौरान पाया गया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बिलासपुर डमरूधर चौहान के कार्यालय से पूर्व में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद नाम का सील एवं दाण्डिक गोल सील गुम होने के संबंध में थाना सिविल लाईन में सूचना दिया गया था।आरोपियों ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डमरूधर चौहान के पदनाम की दाण्डिक सील को षडयंत्रपूर्वक चोरी कर कुटरचित दस्तावेज तैयार कियाहै। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 379, 467, 468, 471, 120बी दर्ज किया गया। प्रकरण में आरोपियों से घटना में प्रयुक्त दस्तावेज और न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डमरू धर चौहान के पद नाम की सील और अन्य साक्ष्य बरामद किया जाना अभी बाकी है।
 
            पुलिस ने दो आोपी राजेश मैसी पिता जया मैसी निवासी सॉची होम्सऔर राहुल गोस्वामी पिता पुरन पूरी गोस्वामी निवासी को गिरफ्तार किया है।
 
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