किसान नेताओं ने फिर की शिकायत..बताया.बहु राष्ट्रीय कम्पनियों ने किसानों का मुश्किल किया जीना..शासन नकली खाद,बीज पर लगाए लगाम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष समेत संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम शिकायत पत्र दिया है। धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि अधिकारियों की शह पर नामचीन कम्पनियां अमानक खाद बीज की आपुर्ति कर रहे हैं। प्रमाण होने के बाद भी ना तो कम्पनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। और ना ही कम्पनियों को शह देने वाले अधिकारियों पर ही कार्रवाई हुई है। इसके चलते बाजार और सोसायटी से घटिया बीज और खाद का वितरण किया जा रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी कम्पनियां अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।  
 
               राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने शासन प्रशासन पर घटिया खाद वितरण को लेकर नाराजगी जाहिर किया है। धीरेन्द्र ने बताया कि प्रदेश में नकली खाद बीज की आपूर्ति अब सामान्य बात हो गयी है। आए दिन किसानों को लुभाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियां घटिया खाद बीज को बेहतर बताकर विक्री कर रहे हैं। मामले में अब तक कई बार मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जा चुका है। बावजूद इसके किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके चलते खाद्य आपूर्ति करने वाले जिम्मेदार लोगों के हौंसले बुलन्द है।
 
                                 धीरेन्द्र ने बताया कि किसान प्रचार तंत्र और लालची अधिकारियों के हाथों लगातार षड़यन्त्र शिकार हो रहा है। बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां के झंसे में आकर किसान घटिया खाद बीज की खरीदी कर अपना नुकसान कर रहा है। किसान नेता ने बताया कि बहुराष्ट्रीय कम्पनी बायर की एजेड 8433 डी टी का बीज बोने से गरियाबंद के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसकी शिकायत किये एक वर्ष से अधिक हो गए है। लेकिन आज तक शासन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं हुई है। किसानों ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से बीज का जांच कराया। जांच में भारी अशुद्धता और अमानक स्तर का बीज पाया गया। 
 
                  इसके बाद कम्पनी को किसानों के हित में 35 फीसदी नुकसान की भरपाई करने को कहा गया। सिफारिश होने के बाद किसानों ने मुआवजा के लिए कलेक्टर गरियाबंद को ज्ञापन दिया। लेकिन आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई और ना ही मुआवजा दिया गया।
 
                किसान नेता दुबे ने बताया कि किसान चारों तरफ से मार खाने को मजबूर है। अब ऐसे में वह अब जाए तो जाए कहां। इसी तरह बिलासपुर के एक किसान का विडिओ वायरल हो रहा है।  जिसमें उसने बीज शुद्धिकरण की प्रक्रिया में दिखाया कि बीज निगम ने 1001 धान की किस्म का अमानक बीज दिय़ा है।
 
               किसान नेता ने कहा कि बात मात्र खाद, बीज अमानक पाये जाने से समस्या खत्म नहीं होती है। किसान इसके अलावा अन्य प्रकार की समास्याओं से भी जूझ रहा है। धीरेन्द्र ने बताया कि कमोबेश सभी किसान बेहतर पैदावर के लिए ऋण लेते है। बेहतर परिणाम नहीं आने के बाद.. किसानों को सरकार की तरफ से उचित मुआवजा भी नहीं दिया जाता है। अन्त में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का शिकार किसान आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो जाता है। 
 
                     धीरेन्द्र ने बताया कि प्रदेश में कृषि संबंधित खाद और दवाओं के टेस्ट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में बगैर जांच के बहुत सी फर्जी कंपनियों ने अपना जाल बिछा रखा है। जिसके चलते किसानों के साथ खुलकर धोखाधड़ी हो रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसमें कुछ अधिकारियों की मिलिभगत भी हो।
 
                                   भारतीय किसान संघ ने ज्ञापन के माध्यम से शासन से मांग की है कि  घटिया बीज, खाद और दवाओं को बनाने, बेचने वाली कंपनियों पर शीघ्र अंकुश लगाया जाए। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई भी हो। किसानों के जीवन से खिलवाड़ करने के एवज में एक बड़ी मुआवजा राशि भी दिया जाए। ब्लॉक स्तर पर खाद और  दवाओं की जांच के लिए लैब की सुविधा हो।
 
              ज्ञापन देने वालों में प्रदेश महामंत्री दुर्गा पाल ,प्रदेश उपाध्यक्ष टेकेंद्र चंद्राकर , प्रदेश कोषाध्यक्ष गजानंद दिघरस्कर , प्रदेश मंत्री रामवतार साहू , रायपुर जिला सहमंत्री लोकेश्वर साहू आदि उपस्थित थे।

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