बिलासपुर—-छत्तीसगढ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के नेताओं ने संभाग प्रभारी की अगुवाई में अपनी मांगो को लेकर जिले के दिग्गज जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। फेडरेशन के नेताओं ने बताया कि पिछले चुनाव में सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कर्मचारियों से कुछ वादा किया था। आज साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने कर्मचारियों से किए गए वादे को पूरा नहीं किया है। प्रांतीय फेडरेशन के आव्हान पर जिला फेडरेशन बिलासपुर के पदाधिकारियों ने अभियान जिले के दिग्गज जनप्रतिनियों के घर पहुंचकर मांग पत्र पेश किया। फेडरेशन के संभाग प्रभारी जीआर चन्द्रा की अगुवाई में फेडरेशन केनेताओं ने सांसद अरूण साव, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ,बेलतरा विधायक रजनीश सिंह को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र के साथ ज्ञापन भी दिया। फेडरेशन के संभाग प्रभारी जी. आर. चन्द्रा जिला संयोजक डॉ. बी. पी. सोनी और महासचिव किशोर शर्मा ने बताया कि फेडरेशन के पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों के निवास पहुंचकर अपनी मांगों को पेश किया। ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल साढ़े चार वर्ष पूरे हो गए हैं। चुनावी माहौल भी धीरे धीरे तैयार होने लगा है। बावजूद इसके पिछले विधानसभा चुनाव में जनघोषणा पत्र में कर्मचारियों से किये वादो को सरकार ने आज तक पूरा नहीं किया गया है। नेताओं ने बताया कि अपनी मांग को लेकर फेडरेशन ने अलग अलग चरणों में आंदोलन भी किया। लेकिन लेकिन शासन की तरफ से केवल आश्वासन ही मिली है। समय आ गया है कि कर्मचारियों से किए गए वादों को सरकार पूरा करे। जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर फेडरेशन के नेताओं ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्तों में असमानता है। प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और विघुत मंडल के कर्मचारियों को 42 प्रतिशत् महंगाई भत्ता दिया जाता है। दूसरी तरफ राज्य सरकार के कर्मचारियों को मात्र 33 प्रतिशत् महंगाई भत्ता मिलता है। कर्मचारियों को महंगाई का बोझ उठाना मुश्किल हो गया है। इसी तरह एक तरफ कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिया जा रहा है। तो गृह भाड़ा भत्ता छठवे वेतनमान का मिल रहा है। शासन ने पिंगुआ समिति का गठन किया। रिपोर्ट तीन महीने के भीतर पेश किया जाना था। 9 महीने बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं किया गया है। सरकार के इस रवैये से कर्मचारी, धिकारियों में असंतोष है। फेडरेशन ने आश्वासन नहीं समाधान आंदोलन के तहत जनप्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने का फैसला किया है। जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देते समय जी.आर. चन्द्रा, डॉ. बी.पी. सोनी, किशोर शर्मा, बिन्द्रा प्रसाद, राजेश द्विवेदी, आलोक परांजपे, राम कुमार यादव, विद्यानंद साहू भूषण पाण्डेय, सी.के. महिलांगे, श्रीपाल सिंह, उत्तम अढ़ोलिया, सुशील यादव विशेष रूप से मौजूद थे।
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