शिक्षक भर्ती में अटैच अधिकारियों का पक्का खेल .कोई पेट्रोल पम्प खोलने को तैयार.कोई मान्यता से मालामाल..कार्रवाई से बचने अब कर रहे जोड़तोड़

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—शिक्षक भर्ती में संयुक्त कार्यालय शिक्षा विभाग की भूमिका को फिलहाल पुलिस इंकार नहीं कर रही है। छन के आ रही खबर पर विश्वास करें तो नन्दकुमार और योगेश ने पुलिस के सामने सारी पोल को खोल कर रख दिया है। पुलिस की रिपोर्ट भी तैयार हो गयी है। तलवार लटकते देख संयुक्त शिक्षा कार्यालय में अंगद की पांव की तरह जमे बाबूगिरी कर रहे गुरूजी लोगों ने अब हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है। हाथ जोड़कर कार्रवाई से बचने गाडफादर के सामने हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है। सूत्रों की माने तो संयुक्त शिक्षा कार्यालय में महत्वूपर्ण विभाग संभाल रहे एक अधिकारी तो पेट्रोल पम्प खोलने की तैयारी में है। तो कोई स्कूलों को मान्यता देकर मालामाल हो रहा है।

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पुलिस को मिल गयी पोल

                 छनकर मिल रही खबर के अनुसार शिक्षक भर्ती घोटाला में संयुक्त शिक्षा कार्यालय से जुड़ रहे हैं। मोहरा की तरह इस्तेमाल किए गए नन्दकुमार साहू और योगेश पाण्डेय ने पुलिस के सामने सारा पोल खोल दिया है। वहीं अब पुलिस कार्रवाई से बचने अटैच जिम्मेदारनुमा बाबूओं की हवा हवाई उडने लगी है। अटैचमेन्ट मलाई काटने वाले शिक्षक बाबू अब जगह जगह पहुंचकर गाड़फादर के हाथ पैर जोड़ रहे हैं। 

                 जानकारी देते चलें कि अलग अलग स्कूलों से महत्वपूर्ण पदों से संयुक्त कार्यालय में अटैच का सुख लेने वाले सभी अधिकारी कमाने ही संयुक्त कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन नन्दकुमार की वायरल आडियो से सभी में खलबली मच गयी है। 

 नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

                बताते चलें कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य से दूर रखा जाए। लेकिन संयुक्त कार्यालय के खजाना ने  डीईओ,व्याख्यता, प्राचार्य को बाबू बनने को मजबूर किया। शिक्षा विभाग का एक बड़ा अधिकारी अब तो इनता कमा लिया है कि वह पेट्रोल पम्प खोलने की तैयारी कर रहा है। लेकिन आडियो ने हाल फिलहाल मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अब तो लोग यह भी कहने लगे हैं कि यदि अटैच का खेल नहीं होता तो शायद संयुक्त कार्यालय शिक्षा विभाग की इतनी लानत मलानत नहीं होती। 

                           संयुक्त कार्यालय में इन दिनों करीब एक दर्जन से अधिक शिक्षक या शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ अधिकारी बाबूगीरी कर रहे है। सच तो यह है कि यह सभी लोग सुनियोजित तरीके से पहले तो खुद को अटैच करवाया। इसके बाद हरी-भरी नोटों की खेती को काटा।    

वेतन कहीं..काम कहीं

         संयुक्त कार्यालय में विवादास्पद जितेन्द्र बावरे की मूल स्थापना मुंगेली है। वेतन भी मुंगेली से लेते हैं। बावरे संयुक्त कार्यालय में स्थापना शाखा एक,दो,तीनऔर चार संभाल रहे हैं। एक प्राचार्य महोदय संयुक्त कार्यालय में मान्यता की जिम्मेदारी संभाल रहे है। वेतन हायरसेकेन्डरी स्कूल से ले रहे हैं। संयुक्त कार्यालय में यद्यपि एमआईएस का कोई पद नहीं है। बावजूद इसके एक व्याख्यता महोदय काल्पनिक एमआईएस पद पर काबिज हैं। वेतन मल्टीपरपज से निकलता है। विनोद शुक्ला राजेन्द्र नगर में व्याख्याता हैं..संयुक्त कार्यालय से अटैच होकर बिना काम के स्कूल से वेतन उठा रहे हैं। 

अटैचमेन्ट से ही हो गए रिटायर्ड

                 मटिया हायर सेकेन्डरी स्कूल के प्राचार्य दीपक दुबे अटैचमेन्ट में ही रिटायर्ड हो गए। संयुक्त कार्यालय में बिना सेटअप के जमें जमे शिक्षकों के नाम इस प्रकार है। शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बीजा से सतीश कुमार साहू, शासकीय उच्चत्तर विद्यालय नवागांवसे के शशांक देवांगन, शासकीय स्कूल किरारी के विकास मसीह, शासकीय हाईस्कूल गोकुलपुर के पूरन सिंह मरावी,शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय पेन्ड्रा की कोमिला स्वामी, जिला शिक्षा कार्यालय सक्ती के एसएल खूंटे संयुक्त कार्यालय में अटैच होकर विवादों को जन्म दे रहे हैं।

अटैच कर्मचारियों पर जिम्मेदारी की बोझ

बताते चलें कि मुंगेली के वैकल्पिक जिला शिक्षा अधिकारी जितेन्द्र बावरे पदोन्नति से लेकर भर्ती के काम को देख रहे हैं। मतलब बाबूगिरी कर रहे हैं। यदि मजा नहीं आता तो  जिला शिक्षा अधिकारी का काम क्यों छोड़ते। इसके अलावा कई अटैच अधिकारियों के पास स्कूलों की जांच,निर्माण योजना निलंबन, बहाली, वित्त, भण्डार, क्रय,विक्रय की जिम्मेदारी है। और विभाग के बाबू झक मार रहे हैं।

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