बिलासपुर—- हम भारत सरकार की गाइडलाइन से बाहर नहीं निकल सकते हैं। भारत सरकार ने हमारे साथ खेल किया है। पहले तो 60 लाख मिट्रीक टन धान खरीदने का वादा किया। फिर केन्द्र सरकार मुकर गयी। हमने फैसला किया है कि बचे हुए 20 लाख 79 हजार मिट्रीक टन के लिए टेन्डर बुलाया है। दरअसल भारत सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। इस दौरान खाद्य मंत्री ने दो चूक कहा कि हम केन्द्र की गाइड लाइन से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसलिए समितियों से धान करेंगे। लेकिन सुखद राहत देने में असमर्थ हैं। खाद्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अवैध उत्खनन का हम विरोध करते हैं। सरकार पूरी तरह से इस प्रकार की गतिविधियों का विरोध करती है। अटल श्रीवास्तव आंदोलन करेंगे इसकी जानकारी आप लोगों से ही मिली है।
आज पाली महोत्सव में शिरकत करने जा रहे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे। उन्होने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। भगत ने बताया कि केन्द्र सरकार ने हमारे साथ खेल किया है। अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। खाद्य मंत्री ने बताया कि हमने किसानों से 92 लाख मिट्रीक टन धान खरीदा है। 71 लाख मीट्रिक धान का निराकण हो गया है। बचे हुए 20 लाख 79 हजार मिट्रिक टन का निराकण किया जाना है। हमने टेन्डर किया है। 3 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
नहीं दे सकते सुखद का तोहफा
समितियों ने सुखद की मांग कही ै। मंत्री ने कहा कि यद्यपि सामान्य खर्चों में ही जोड़कर राशि दी जाती है। हम भारत सरकार की गाइड लाइन से बंधे हैं। इसलिए समितियों को सुखद राशि दे पाना मुश्किल है। यह पालिसी मैटर है..इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार को लेना चाहिए। लेकिन यह भी सच है कि भारत सरकार हर मोर्चे पर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
खरीदी 2500 रूपए..विक्री 1300
यह कैसा व्यापार कि धान खरीदी 2500 रूपए में और बेच रहे 1300 रूपए में इतना घाटा क्यों। सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि जनता के लिए हम सब कुछ करने को तैयार है। भले हमें घाटा क्यों ना सहना पड़े। छत्तीसगढ को धान का कटोरा कहा जाता है। हमारी जिम्मेदारी है कि प्रदेश की जनता के साथ खड़े रहें।
राज्य सरकार के साथ धोखा
केन्द्र सरकार ने हमेशा राज्य के साथ धोखा किया है के सवाल पर अमरजीत भगत ने कहा कि भारत सरकार केवल बातों तक प्रेम रखती है। यानि वह केवल बातें ही करते हैं। किसानों के प्रति उनका कोई लगाव नहीं है। ना तो किसानों की आमदनी बढ़ाने का वादा पूरा किया। ना ही धान खरीदी में समर्थन किया। उल्टा वादा करने के बाद भी सेन्ट्रल पूल में चावल खरीदी का कोटा 60 मिट्रिक टन से घटाकर 24 लाख मिट्रिक टन कर दिया। वारदाना सप्लाई में भी सहयोग नहीं किया। छत्तीसगढ़ सरकार की लेनदारी का भी भुगतान केन्द्र ने नहीं किया है। भारत सरकार पर छत्तीसगढ सरकार का 18 लाख करोड़ रूपए बकाया है। यदि केन्द्र सरकार भुगतान कर दे तो हमारे कई काम आसान हो जाएंगे।
सरकार अवैध उत्खनन के खिलाफ
बिलासपुर में अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर पीसीसी महामंत्री ने आंदोलन का एलान किया है। जवाब में खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार अवैध उत्खनन और परिवहन का समर्थन नहीं करती है। जानकारी देंगे तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बताएं कहां अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है।
क्या अटल श्रीवास्तव के बयान का समर्थन करते हैं। सवाल को टालते हुए खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार अवैध उत्खनन और परिवहन के खिलाफ है। अटल श्रीवास्तव हमारे मित्र हैं। लेकिन बताना जरूरी है कि सरकार का कमिटमेन्ट है कि अवैध उत्खनन को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
पालिसी मैटर
पूरे साल कर्मचारी धान खरीदी में जुटे रहते हैं। क्या यह संभव नहीं है कि किसानों को सब्सिडी सीधे खाते में डालकर धान को बरबाद होने से बचाया जा सके। भगत ने कहा कि यह भविष्य की बात है। पालिसी मैटर है..जरूरत पड़ी तो जरूर विचार किया जाएगा।पत्रकार वार्ता के दौरान मेयर रामशरण यादव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और अजय सिंह भी मौजूद थे।