Bilaspur News
पूर्व विधायक ने पढ़ा भूपेश सरकार का कसीदा…कहा…भाजपा सरकार ने उद्योंग जगत का घोंटा गला…बिजली दर बृद्धि से टूटी कमर
प्रदेश में उद्योग जगत की हालत पतली...मुनाफाखोरों की चांदी
बिलासपुर— पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। प्रेस नोट जारी कर कांग्रेस नेता ने बताया कि प्रदेश सरकार में मुनाफाखोरों का बोलबाला है। बिजली दर में बृद्धि से आम जनता ही नहीं बल्कि उद्योगों जगत की कमर टूट रही है। तेजी के साथ उद्योग धंदे बन्द हो रहे हैं। सिर्फ दस महीनों में ही प्रदेश सरकार की लोकप्रियता टाप से बाटम पहुंच गयी है। उद्योगपति अनिल ने भी बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई को लेकर चिंता जाहिर किया है।
उद्योग पर ही नहीं..भविष्य पर ताला
एक बार फिर हमेशा की तरह पूर्व नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार ने बिजली दरों में वृद्धि कर विकास की गति की कमर तोड़ दी है। सरकार की गलत नीतियों से उद्योग जगत की स्थिति डांवाडोल हो गयी है। प्रदेश में उद्योग बंद होने की स्थिति में है। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील राज्य है और उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी है। यदि इसी तरह उद्योग की स्थिति रही तो प्रदेश की प्रगति की कल्पना करना नामुमकिन है।
बताया कि सरकार रोज़गार देने में असफल है। सरकार की गलत नीतियों के चलते उद्योग पर ही नहीं बल्कि रोज़गार पर भी ताला लटकना निश्चित है। दरअसल प्रदेश सकार की नीतिया उद्योगजगत का गला घोंटने का काम कर रही है। संभव हो कि इसमें प्रदेश सरकार की कोई चाल हो। इसका आंकलन आने वाले समय में ही होगा।
शेलैश ने बताया कि सरकार केवल दावा और झूठा प्रचार कर युवाओं को बहुत दिनों तक नहीं भटका सकती है। रोजगार को लेकर प्रदेश की युवा पीढ़ी में केन्द्र सरकार के प्रति भयंकर नाराजगी है। रोज़गार पर ताला लगना शुरू हो गया है।
जनता करेगी दोहरी मार का सामना
स्पंज आयरन संगठन अध्यक्ष अनिल ने बताया कि प्रदेश में लगभग 150 से अधिक उद्योगप बंद होने की कगार पर हैं। उद्योगपतियों को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि आखिर करें भी तो क्या। अब उनके सामने ताला लटकाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। उद्योगजगत को इस बात का अहसास है कि यदि ताला लटका दिया तो इसका दंश हजारों बेरोज़गारो को नहीं बल्कि लाखों परिवार को झेलना पड़ेगा। अनिल ने दुहराया कि छत्तीसगढ़ को देश में उत्पादक राज्यों में गिना जाता है। मालूम होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ बेशक उत्पादक राज्य है। लेकिन उपभोक्ता की नजर से राज्य छोटा है। जाहिर सी बात है कि अन्य राज्यों की तुलना में हमारे राज्य में उत्पादन महँगा होगा और बिकेगा भी। इसलिए आने वाले समय में राज्य को ना केवल बेरोजगारी का सामना करना पडेगा। बल्कि जनता को महंगाई की दोहरी मार से गुजरना पड़ेगा।
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