Bilaspur News
पूर्व विधायक ने लगाया आरोप…ऐसा करने से चौपट हो जाएगी शिक्षा व्यवस्था…सरकार के सलाहकार ही डुबा रहे लुटिया…
युक्तियुक्तकरण का कांग्रेस नेता शैलेष ने किया विरोध
बिलासपुर—कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने प्रदेश सरकार पर शिक्षकों के साथ चालबाजी करने का आरोप लगाया है। प्रेस नोट जारी कर शैलेष ने बताया कि चिर परिचित रणनीति के तहत युक्तियुक्तकरण के बहाने सरकार ने अधिकार छीनकर शिक्षकों का संकट में डाल दिया है। शैलेष ने बताया कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा को महत्वहीन बनाकर रख दिया है। स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता को चोट पहुंचाने का काम किया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन सिस्टम को लागू किया। नई सरकार ने वादा किया था कि स्कीम का फायदा जॉइनिंग डेट से दिया जाएगा। लेकन अब अब अपने ही वादे से मुकर रही है।
बिलासपुर नगर पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने शिक्षकों के साथ खड़े होते हुए प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी और अन्याय का आरोप लगाया है। प्रेस नोट जारी कर पूर्व निगर विधायक ने बताया कि प्रदेश सरकार के सलाहकारों ने प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से चौपट करने का मन बना लिया है। शिक्षा क्षेत्र में तर्कहीन बदलाव से गुणवत्ता पर पड़ना निश्चित है। उन्होने बताया कि पुराने सेटप से भर्तियाँ स्कूलों में हुई थी। जानकारी मिल रही है कि सरकार बड़ा बदलाव करते हुए युक्तियुक्तकरण को लागू करेगी। इससे स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम हो जाएगी। एक शिक्षक पर अधिक भार आएगा। जाहिर सी बात है कि इसका प्रभाव छात्र छात्राओं पर पड़ेगा। ऐसी सूरत में शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी। मतलब बीजेपी सरकार ने प्रदेश में गुणवत्ताहीन शिक्षा देने का फैसला किया है। युक्तियुक्तकरण के बाद प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं का सेटप बुरी तरह प्रभावित होगा। स्कूल की पढ़ाई का बेड़ागर्क होकर ही रहेगा। शैलेष ने बताया कि इसका असर हज़ारों शिक्षकों की नयी भर्तियों पर भी पड़ेगा। रोज़गार के अवसर कम हो जाएंगे। इससे युवाओं को भारी नुकसान उठाने को मजबूर होना पड़ेगा।
शैलेष ने कहा कि सरकार शिक्षा को महत्वहीन समझने की गलती कर रहे ही। मुख्यमंत्री के सलाहकार ग़लत सलाह दे रहे है। बीजेपी की सरकार के पास बजट की कमी है। सरकार पहले छह महीने में ही तेरह हज़ार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। बढ़ते कर्ज और फण्ड की कमी के कारण इसका सीधा प्रभाव स्कूलों की शिक्षा पर पड़ने जा रहा है। बच्चों को शिक्षा नहीं मिलेगी तो इसका असर भविष्य पर पड़ना निश्चित है। ड्रापआउट की संख्या बढ़ेगी। उच्च शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के आते ही सभी चीजों का दाम बढ़ गया। आबकारी का दर हो या बिजली की दरें। ज़मीन रजिस्ट्री का मामला हो या अन्य कोई भी मामला। महंगाई आसमान पहुंच गयी है। आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है। बावजूद इसके सरकार राहत देने के बजाय और ठगने का काम कर रही है।
पूर्व विधायक ने कहा कि शिक्षक गण अपनी बातों को सरकार और जनप्रतिनिधियों से अलग अलग मंच पर रख रहे हैं। लेकिन इसका कोई फायदा शिक्षकों को नहीं मिलने वाला है। इसकी मुख्य वजह शिक्षकों के प्रति सरकार का दृष्टिकोण ठीक नहीं है। आने वाले चुनाव में शिक्षकों की ही ड्यूटी लगती है। ऐसे में पढ़ाई का स्तर क्या होगा आसानी से समझा जा सकता है। उन्होंने दुहराया कांग्रेस शिक्षकों के संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।
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