बिलासपुर—-ज़िला शहर कांग्रेस कमेटी ने पूर्व सांसद गोदिल प्रसाद अनुरागी के निधन पर गहरा दुख जाहिर किया है। सभी कांग्रेस नेताओं ने पूर्व सांसद के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए काम को याद भी किया है ।
पूर्व सांसद गोदिल अनुरागी के निधन पर पर्यटन मण्डल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, अपेक्स बैंक अध्यक्ष बैजनाथ चन्द्राकर, शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक, ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी, संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह, विधायक शैलेष पांडेय, महापौर रामशरण यादव, ज़िला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, प्रदेश महामंत्री अर्जुन तिवारी, प्रदेश संयुक्त महामंत्री राजेन्द्र शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय, सभापति शेख नजीरुद्दीन, राजेन्द्र साहू, विभोर सिंह, पूर्व शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, सचिव महेश दुबे, शहर प्रवक्ता ऋषि पांडेय ने श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से ज़िला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने नवागांव जाकर पुष्पचक्र और शाल चढ़ाया। साथ ही मृतक की आत्मा को नमन करते उनके योगदान को याद किया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि गोदिल प्रसाद अनुरागी सहज ,सरल,मिलनसार व्यक्ति थे। 1967 से 1977 तक दो बार मस्तूरी विधानसभा का नेतृत्व किया। उनकी लोकप्रियता और स्वच्छ छवि के कारण कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 1980 में बिलासपुर लोक सभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया। अनुरागी को जनता ने जीत का सेहरा पहनाया।
अनुरागी की शैक्षणिक शिक्षा सातवीं तक हुई। व्यवहारिक ज्ञान से परिपूर्ण अनुरागी उच्चकोटि के कलाकार और निर्देशक थे। उनकी गिनती छत्तीसगढ़ के ख्यातिलब्ध लोककलाकारों में थी। योगेश्वर भगवान कृष्ण की रासलीला को रहस के माध्यम से जीवंत मंचन करने की अद्भुत कला थी। अनुरागी ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में रहस का मंचन किया। उनका जन्म 1 नवम्बर 1931 को रतनपुर के निकट गांव नवापारा में हआ। वाकपटुता और सहजता के कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू जगजीवन राम के संपर्क में आए। यही से उनका राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई।
अनुरागी का तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से सीधा संवाद था। अनुरागी के एक पुत्र और दो पुत्रियों में से, पुत्र का निधन हो गया है। दोनों पुत्रियों का विवाह हो चुका है। वर्तमान में अपने गृह गांव नवापारा में निवासरत थे। 19 सितम्बर को अंतिम सांस ली। अनुरागी के असमय निधन से कांग्रेस परिवार को बड़ा नुकसान पहुंचा है। जिसकी पूर्ति नामुमकिन है।