Ganesh Chaturthi 2024 – भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव की शुरुआत होती है
Ganesh Chaturthi 2024 ,Ganesh Chaturthi Modak bhog : गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को उनके प्रिय मोदक का भोग लगाया जाता है. कहा जाता है कि मोदक के बिना गणेश चतुर्थी की पूजा अधूरी मानी जाती है.
Ganesh Chaturthi 2024 ,Ganesh Chaturthi Modak bhog :इस दिन बप्पा को 21 मोदकों का भोग लगया जाता है. वैसे तो लंबोदर को बहुत सी मिठाईयां बहुत सी मिठाइयां पसंद हैं. लेकिन मोदक का भोग लगाना इतना जरूरी क्यों माना जाता है. पुराणों में इससे जुड़ी कहानी का वर्णन मिलता है.
मोदक से जुड़ी कहानी
Ganesh Chaturthi 2024 ,Ganesh Chaturthi Modak bhog :पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव सो रहे थे और गणेश जी द्वार पर पहरा दे रहे थे. तभी परशुराम वहां पहुंचे तो गणेश जी ने उन्हें द्वार पर रोक दिया. परशुराम क्रोधित हो गए और गणेश जी से युद्ध करने लगे. युद्ध में परशुराम ने शिव जी द्वारा दिए गए परशु से गणेश जी पर प्रहार कर दिया. जिससे गणेश जी का एक दांत टूट गया.
गणेश जी को खिलाएं मोदक
Ganesh Chaturthi 2024 ,Ganesh Chaturthi Modak bhog :युद्ध के दौरान दांत टूटने की वजह से गणेश जी को भोजन चबाने में परेशानी होने लगी. बप्पा की ऐसी स्थिति को देखकर माता पार्वती ने उनके लिए मोदक तैयार करवाए. मोदक बहुत ही मुलायम होते हैं और उन्हें चबाना भी नहीं पड़ता है. इसलिए गणेश जी ने पेट भर कर मोदक खाए. जिसके बाद से ही मोदक गजानंद का प्रिय व्यंजन बन गया.
क्यों लगाते हैं 21 मोदक का भोग?
कथा के अनुसार, एक बार जब भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश जंगल में ऋषि अत्रि की पत्नी देवी अनुसूइया से घर गए थे. यहां पहुंचते ही भगवान शिव और गणेश को भूख लगने लगी, जिसके बाद उन्होंने सभी के लिए भोजन का प्रबंध किया है. खाना खाने के बाद देवी पार्वती और भगवान शिव की भूख शांत हो गई, लेकिन गणपति बप्पा का पेट कुछ भी खाने से भर ही नहीं रहा था. बप्पा की भूख शांत कराने के लिए अनुसूया ने उन्हें सभी प्रकार के व्यंजन खिलाए, लेकिन उनकी भूख शांत ही नहीं हुई.
मोदक चढ़ाने की परंपरा
गणेश जी की भूख शांत नहीं होने पर देवी अनुसूइया ने सोचा कि शायद कुछ मीठ उनका पेट भरने में मदद कर सकता है. जिसके बाद उन्होंने गणेश जी को मिठाई का एक टुकड़ा दिया और उसे खाते ही गणपति बप्पा को डकार आ गई और उनकी भूख शांत हुई. गणेश जी भूख शांत होते ही भगवान शिव ने भी 21 बार डकार ली और उनकी भूख शांत हो गई. जिसके बाद माता पार्वती के पूछने पर देवी अनुसूइया ने बताया कि वह मिठाई मोदक थी. जिसके बाद से ही गणेश पूजन में मोदक चढ़ाने का परंपरा शुरू हुई.