President Election and Rajasthan politcs: अशोक गहलोत को लेकर राजस्थान समेत देश के सियासी गलियारों में चर्चा है कि गांधी परिवार उनके हाथों में पार्टी की कमान देना चाहता है. हालांकि अशोक गहलोत पिछले एक महीने में अलग अलग मौकों पर अलग अलग बयान दे चुके है. जिससे किसी के लिए ये अनुमान लगाना मुश्किल है कि उनके मन में क्या है. अशोक गहलोत कभी कहते है कि मैं आपसे दूर नहीं. तो कभी कहते है सोनिया गांधी जो कहेगी वो जिम्मेदारी संभालने को तैयार.
राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत के अगले कदम के इर्द गिर्द सियासती गुणा भाग चल रहा है. कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है. तो राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसे मिलेगी.
कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रहते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे. इसी बीच कांग्रेस विधायकों और नेता भी अपनी अपनी रणनीति बना रहे है. इधर बाड़मेर में हुई कांग्रेस विधायकों की बैठक ने पश्चिमी राजस्थान की राजनीति की हलचल बढ़ा दी है. पंजाब प्रभारी और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले हरीश चौधरी ने बाड़मेर में कांग्रेस विधायकों के साथ करीब दो घंटे तक गोपनीय बैठक चली. शिव विधायक अमीन खान और पचपदरा विधायक मदन प्रजापत इस बैठक में नहीं पहुंचे. तो उनको फोन कॉल पर बैठक में हुई चर्चा की जानकारी दी गई. और उनकी राय ली गई.
बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी के घर हुई इस बैठक में बायतू विधायक और पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी शामिल हुए. इसके अलावा बाड़मेर शहर विधायक और राजस्थान गोसेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन के अलावा चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल के साथ साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह खान बैठक में शामिल हुए. शिव से कांग्रेस विधायक अमीन खान और पचपदरा विधायक मदन प्रजापत से फोन पर बातचीत की गई.
बाड़मेर में हुई कांग्रेस विधायकों की इस बैठक के बारे में कोई भी विधायक खुलकर नहीं बोल रहा है. हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव चल रहा है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस के साथ साथ आलाकमान को क्या फीडबैक देना है. इसको लेकर बाड़मेर जिले के विधायकों ने बैठक कर एकराय बनाने की कोशिश की. विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक बैठक में ये भी चर्चा हुई कि अगर अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है. और राज्य में मुख्यमंत्री बदला जाता है. तो बाड़मेर के सभी विधायकों की एक राय किसकी तरफ होनी चाहिए. इस पर भी चर्चा हुई.
हालांकि विधायक जब बैठक में शामिल होकर निकले. उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्हौने कहा कि जिले के विकास कार्यों को लेकर सबने चर्चा की. देश में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है. तो उससे जुड़े बाड़मेर में क्या क्या कार्यक्रम करने है, उस बारे में चर्चा हुई.
कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, अगर अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते है तो वैसी स्थिति में राजस्थान का मुख्यमंत्री कोई और बनेगा या अशोक गहलोत की मुख्यमंत्री बने रहेंगे. क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पर भी नए सिरे से विचार होगा. या यथास्थिति बरकरार रहेगी. ये फिलहाल अनुमान लगाना मुश्किल है. लेकिन पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में बाड़मेर में हुई इस बैठक ने सियासी चर्चाओं को बल दिया है.