सामान्य सभा..बिना मां बने..मातृत्व अवकाश का उठा मुद्दा..6 के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव..अध्यक्ष ने ..कहा..इससे ज्यादा हम कुछ कर नहीं कर सकते

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पिछली सामान्य सभा के करीब डेढ़ महीने के बाद जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक हुई। बैठक में जनहित मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों से सवाल जवाब किया। पिछले सामान्य सभा में पूछे गए सवालों का अधिकारियों ने पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश किया। इस बार सामान्य सभा की बैठक जिला शिक्षा विभाग के नाम पर रहा। बिना मां बने मातृत्व अवकाश के मामले  को लेकर बैठक जमकर चर्चा हुई। अन्त में जिला शिक्षाअधिकारी को कहना पड़ा कि मामले की जांच करेंगे। इस दौरान सभापति अरूण चौहान को कहना पड़ा कि हम अधिकारियों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा निन्दा प्रस्ताव ही ला सकते है। इससे ज्यादा हम कछ नहीं कर सकते । बावजूद इसके 6 विभाग के अधिकारियों के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव लाया।

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             होली और पिछले सामान्य सभा के करीब डेढ़ महीने बाद जिला पंचायत सामान्य सभा की जंगी बैठक हुई। सामान्य सभा 12 बजे से शुरू होकर करीब साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चला। इस दौरान अधिकारियों ने पिछले सामान्य सभा के सवालों को पालन प्रतिवेदन के साथ पेश किया। जनप्रतिनिधियों ने बिजली पानी, राशन की समस्याओं को लेकर अधिकारियों से जवाब मांगा।

 6 अधिकारियों के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव 

                 सामान्य सभा में सवाल जवाब के दौरान अधिकारियों की टाल मटोल नीति को लेकर जनप्रतिनिधियों ने आक्रोश जाहिर किया। जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान को बोलना पड़ा कि हम बार बार निन्दा प्रस्ताव की एक फाइल तैयार हो गयी है। बावजूद इसके अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे है। शायद…हम इससे ज्यादा कुछ कर भी नहीं कर सकते है। यही कारण है कि अधिकारी आदतों से बाज नहीं आ रहे है। इस दौरान अरूम चौहान ने 6 अधिकारियों के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव लाया।

 इनके खिलाफ लाया गया निन्दा प्रस्ताव

                     सामान्य सबा में जीपीएम कृषि विभाग अधिकारी, जीपीएम, बिलासपुर उद्यानिकी अधिकारी, जीपीएम और बिलासपुर मत्स्य विभाग अधिकारी और जीपीएम के पीएचई अधिकारी के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव लाया गया। इस दौारन अरूम चौहान ने कहा कि हम शासन से मांग करेंगे कि मत्स्य विभाग अधिकारी जीपीएम का स्थानान्तरण किया जाए।

 शिक्षा विभाग की जमकर खिंचाई

          इस दौरान दोनो जिलों यानि जीपीएम और बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों ने पालन प्रतिवेदन पेश किया। बैठक में अधिकारियों को पूरे समय बगले झांकने को मजबूर होना पड़ा। जिला शिक्षा विभाग अधिकारी कौशिक ने इस दौरान आत्मान्द स्कूल के प्रवेश प्रक्रिया के बारे में बताया। साथ ही प्रवेश को लेकर शासन के दिशा निर्देशों को सामने रखा। 

               कौशिक ने बताया कि आत्मानन्द हिन्दी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश 5 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल तक होगा। आवेदन की संख्या ज्यादा होने पर लाटरी सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। 5 से 10 मई के बीच प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। कोरोना काल में हुई मौत वाले परिवार के अनाथ बच्चों को प्राथमिकता के साथ प्रवेश दिया जाएगा।

बिना मां बने मातृत्व अवकाश का मुद्दा

          शिक्षा विभाग की तरफ से पेश किए गए पालन प्रतिवेदन पर जनप्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा मचाया। जितेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि अधिकारी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। निर्देश के बाद भी गलती करने वालों को बचाया जा रहा है।

                तखतपुर स्थित राजाकांपा प्राथमिक स्कूल शिक्षिका आरती राजपूत बिना मां बने मातृत्व अवकाश पर है। इसी तरह कोड़ापुरी प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका कामनी गुप्ता ने तो हद कर पार कर दिया है। उसका सबसे छोटा बेटा 18 साल का है..लेकिन अब भी वह मातृत्व अवकाश पर है। पिछली बार मामले को सामने लाया गया। अभी तक न ही जांच हुई और ना ही किसी प्रकार का एक्शन लिया गया। इसकी वजह क्या है।

                इस दौरान मीनू सुमन्त ने भी जिला शिक्षा विभाग अधिकारी को घेरा। जितेन्द्र पाण्डेय और मीनू ने बताया कि लमेर स्कूल में तीन शिक्षक है। लेकिन तीनो साप्ताहिक रोटेशन पर रहते हैं। आखिर इन शिक्षकों को वेतन क्यों दिया जा रहा है।

                जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि हम मातृत्व अवकाश और लमेर मामले की जांच करेंगे। वेतन भी रोकेंगे।

बीईओ आदेश को एबीईओ ने रोका..अटैचमेन्ट का भी उठा मुद्दा

           इस दौरान तखतपुर के जनप्रतिनिधि ने जिला शिक्षा विभाग से सवाल किया कि शिक्षाकर्मी ओमप्रकाश देवांगन से क्या लगाव है। वह पिछले दस साल से अपने स्कूल नहीं गया। बीईओ कार्यालय में लोगों का वेतन बनाता है। बीईओ ने उसका स्थानान्तरण किया.. और एबीईओ ने उसे निरस्त कर दिया। क्या ऐसा संभव है कि सीनियर अधिकारी हटाए और जूनियर आदेश को निरस्त कर दे। जिला शिक्षाअधिकारी ने कहा कि मामले में जांच करेंगे। 

                इस दौरान अंकित गौरहा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने अटैचमेन्ट शिक्षकों का आंकड़ा पेश करने को कहा। पूछा कि आखिर इन्हे बुलाया क्यों नहीं जा रहा है। जबकि स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।

 बिजली पानी और उद्यान का उठा मुद्दा

             बैठक में सभापति अंकित गौरहा ने नल और पानी आपूर्ति को लेकर सवाल उठाया। उन्होने बताया कि बार बार कहने के बाद भी नल नहीं बदला जा रहा है। क्षेत्र के कई गांव में पेयजल की समस्या है बावजूद इसके अधिकारी मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस दौारन अंकित ने महमंद में लगाए गए अमराई का भी जिक्र किया। उन्होने कहा कि पौधरोपण तो किया गया लेकिन रखरखाव नहीं होने के कारण आज एक भी पौधा जीवित नहीं है। केवल खानापूर्ति हो रही है।

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