कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, राज्य में लागू होगी पुरानी पेंशन! सीएम का बड़ा बयान, जानें अपडेट

Shri Mi
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हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले पुरानी पेंशन योजना को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोनों राज्यों में आप की सरकार बनने पर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की है। खास बात ये है कि केजरीवाल सरकार का बयान ऐसे समय पर आया है, जब एक दिन पहले ही पंजाब की भगवंतमान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की है।

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ऑफिशियल अकाउंट पर लिखा- हमने पंजाब को वादा किया था कि पंजाब में Old Pension Scheme लागू करेंगे। आज भगवंत मान जी ने उसे पूरा किया है। पंजाब के सभी कर्मचारियों को बधाई। New Pension Scheme नाइंसाफ़ी है, पूरे देश में वापिस OPS लागू होनी चाहिए HP और गुजरात की जनता मौक़ा देगी तो वहाँ भी OPS लागू करेंगे।

गुजरात आप अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने कहा कि गुजरात में यदि आप सत्ता में आयी तो पार्टी यहां भी ऐसा ही करेगी।पंजाब में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना आप का ऐतिहासिक फैसला है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के फैसले से हजारों कर्मचारियों को फायदा होगा। आप सत्ता में आने के बाद गुजरात में भी पुरानी पेंशन योजना शुरू करेगी।

उन्होंने और आप के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव इसुदान गढवी ने गुजरात में सरकारी कर्मचारियों से आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को वोट देने की अपील की और दावा किया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने वादों को पूरा करने के लिए जाने जाते हैं।

इधर, गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी का कहना है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने वाली कांग्रेस देश में पहली है। हमने इसे राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में किया है। राहुल गांधी ने वादा किया है कि हम सरकार बनाने के बाद गुजरात में भी ऐसा ही करेंगे।कर्मचारी जानते हैं कि कांग्रेस हमेशा अपने वादों को पूरा करती है।

कर्मचारियों ने दी चेतावनी

वही कर्मचारी-पेंशनर्स संगठन ने तो पहले ही चेतावनी दे चुके है कि यदि सरकार तुरंत पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो मिशन रिपीट की बजाए मिशन डिलीट में बदल जाएगा। प्रदेश सरकार जल्द पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो इसका खामियाजा उन्हें आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश में उसी सरकार को सत्ता में लाया जाएगा जो सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करेगी। प्रदेश में लगभग 1.50 लाख कर्मचारी NPS और 1 लाख कर्मचारी ओपीएस के दायरे में आते हैं।

जानें कितना पड़ेगा भार

केंद्र की अटल सरकार ने NPS लाया था, लेकिन हिमाचल में इसे वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार ने लागू किया था, इसलिए जब भी ops की बात आती है तो दोनों मुख्य दल एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते हैं। हिमाचल में वर्तमान में पेंशन का भुगतान करने के लिए वार्षिक 7500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यदि सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल की तो 2030 में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन पर होने वाला खर्च 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। 2004 में OPS लागू होने के बाद डेढ़ लाख कर्मी सरकारी विभागों में भर्ती हुए।

क्या फायदा OPS

  • वर्ष 2003 से पहले वाले कर्मचारियों को सेवाकाल की अवधि और बेसिक के साथ DA को मिलाकर कम से कम 9000 पेंशन मिलता है, जबकि NPS के तहत 2 लाख रुपये तक की जमाराशि पर न्यूनतम 554 रुपये मासिक पेंशन है।
  • इसमें पेंशनर अधिकतम 5000 रुपये, औसतन 2200 से 3000 तक है। हर माह 22 तारीख को बेसिक व DA का 14% हिस्सा NSDL कंपनी के खाते में जाता है। कर्मचारियों का 10% और सरकार की ओर से 14% हिस्सा यानी दोनों शेयर बाजार में निवेश होते हैं।
  • NPS के तहत कर्मचारियों की संख्या 1.10 लाख तो OPS के तहत 80000 है। छठे वेतन आयोग में अब OPS के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को न्यूनतम 18000 पेंशन देने का प्रविधान है।
  • NPS लागू होने के बाद 700 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए और 600 मासिक पेंशन ले रहे हैं।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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