सरकार का फैसला, ट्रेनिंग के दौरान मौत होने पर भी प्री कमीशन अधिकारियों के परिवारों को मिलेगी पेंशन

Shri Mi
3 Min Read

दिल्ली।Defence Personnel Pension Scheme: देश की सेवा और सुरक्षा करने से पहले ही किसी मौत का शिकार होने वाले प्री-कमीशन अधिकारियों (Pre Commission Officers) के लिए रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने एक मानवीय कदम उठाते हुए उनके परिवार वालों को पेंशन देने का फैसला लिया है. ये वो अधिकारी हैं जिनकी मिलिट्री ट्रेनिंग (Military Training) के दौरान किसी दुर्घटना में मौत हो जाती है.

Join Our WhatsApp Group Join Now

रक्षा मंत्रालय के अधीन पूर्व-सैनिक कल्याण विभाग के मुताबिक, अभी तक शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर्स (SSCO) और (ECO) यानी इमरजेंसी कमीशन ऑफिसर के तहत सेना में शामिल होने वाले वे सैन्य अधिकारी जो कमीशनिंग से पहले ही मौत का शिकार हो जाते थे उनके परिवार को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था. लेकिन 8 जून 2022 यानी गुरुवार को डीईएसडब्लू यानि डिपार्टमेंट ऑफ एक्स सर्विसमैन वेलफेयर ने इस बाबत चिट्ठी जारी कर एससीसीओ और ईसीओ के प्री-कमीशन्ड अधिकारियों को इसका लाभ देने का फैसला किया है.

सेना के तीनों अंगों को भेजी गई चिट्ठी
इस बाबत विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी, अनिल अग्रवाल ने सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों को ये चिठ्ठी भेज दी है ताकि इसका लाभ थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्री-कमीशन अधिकारियों को मिल सके. आपको बता दें कि वर्ष 2017 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी यानि आईएमए में दो मिलिट्री कैडेट्स की 10 किलोमीटर की दौड़ के दौरान मौत हो गई थी. 2019 में भी आईएमए में ही एक कैडेट की मौत मिलिट्री ड्रिल के दौरान सिर में चोट आने के कारण हो गई थी. क्योंकि इन कैडेट्स की सेना में कमीशनिंग नहीं हो पाई थी इसलिए उनके परिवार वालों को डिफेंस-पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था. 

ट्रेनिंग के दौरान कई अफसर हो चुके हैं घायल
आपको बता दें कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना की प्री-कमीशनिंग ट्रेनिंग काफी मुश्किल मानी जाती है. इस दौरान कैडेट्स को गंभीर चोट लग जाती है और कभी-कभी मौत भी हो जाती है. ऐसी स्थिति में इन कैडेट्स के परिवार वालों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पिछले कई सालों से ऐसे  डिसेबल-कैडेट्स भी सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.

संसद (Parliament) तक में इस बाबत मुद्दा उठ चुका है. तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) ने इस मामले में जल्द ही कोई फैसला लेने का भरोसा दिया था, लेकिन उससे पहले ही उनकी मौत हो गई. अब क्योंकि प्री-कमीशन अधिकारियों (Pre-Commissioned Officers) की मौत के मामले में पेंशन का प्रावधान कर दिया गया है तो ऐसे में  डिसेबल-कैडेट्स में भी पेंशन की आस जग गई है.

Share This Article
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close