भोपाल / रायपुर।मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और उनके आश्रित सदस्यों के कोविड-19 महामारी संक्रमण संबंधी जांच -इलाज में होने वाले खर्च का वहन सरकार करेगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टरेट की ओर से सभी विभागों को एक पत्र जारी किया गया है। पड़ोसी राज़्य मध्यप्रदेश में प्रदेश में सरकार की ओर से की गई इस पहल के बाद छत्तीसगढ़ के कर्मचारी भी उम्मीद कर रहे हैं कि यहां भी कर्मचारियों को सरकार की ओर से इसी तरह की राहत मिलती जानी चाहिए।मध्य प्रदेश शासन के संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से आयुक्त ने सभी विभागों को एक पत्र जारी किया है। यह पत्र शासकीय कर्मचारियों एवं उनके आश्रित सदस्यों के कोविड-19 महामारी संक्रमण के संबंध में जांच /उपचार को लेकर है। इस पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश शासन के शासकीय सेवक एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य ,जो आपदा कोविड-19 से संक्रमित होते हैं। मरीज इलाज हेतु मध्य प्रदेश के सभी जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय ( नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निज़ि चिकित्सालय ) में आंतरिक रोगी ( आईपीडी ) के रूप में जांच /उपचार एवं दवाइयां आदि की चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी। शासकीय सेवक कोविड-19 इलाज के मेडिकल बिल विभाग के जरिए जिले के सिविल सर्जन /मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश के प्रति हस्ताक्षर कराने के बाद संबंधित विभाग द्वारा ऐसे मेडिकल बिल में नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही की जाएगी।CLICK HERE TO JOIN OUR WHATSAPP NEWS GROUP
यह स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था आपदा कोविड -19 के मरीजों के उपचार के मेडिकल बिल पर लागू होगी।पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में शासन की ओर से प्राइवेट अस्पतालों में कोविड-19 की जांच और इलाज के लिए सरकारी कर्मचारियों और उनके आश्रित सदस्यों को मेडिकल बिल का भुगतान किए जाने संबंधी आदेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ में भी सरकारी कर्मचारी यह उम्मीद कर रहे हैं कि यहां भी सरकार की ओर से ऐसा कोई कदम उठाया जाएगा। जिससे कोविड-19 के दौर में अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों और उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को बड़ी राहत मिल सकेगी।