राज्यपाल ने दी मंजूरी, 27-28 को विधानसभा का विशेष सत्र

Chief Editor
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रायपुर।विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सहमति दे दी है। इसके बाद विधिवत अधिसूचना जारी कर दी गई है। विधानसभा का विशेष सत्र 27 और 28 अक्टूबर को होगा। इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने राज्यपाल से मुलाकात की थी, और कृषि विधेयकों की विस्तृत जानकारी दी। चर्चा के बाद सुश्री उइके ने विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दे दी। राज्यपाल ने सरकार के विशेष सत्र बुलाने का औचित्य पूछा था। इसके बाद सरकार ने राज्यपाल को अवगत कराया कि एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है। इससे जुड़े विषयों को लेकर विधानसभा की बैठक जरूरी है। सीएम भूपेश बघेल ने यह कह दिया था कि पूर्ण बहुमत की सरकार को सत्र बुलाने से कोई नहीं रोक सकता।
 
सीएम के बयान के बाद राजभवन से टकराव की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि श्री चौबे ने साफ तौर पर कहा कि राजभवन और सरकार के बीच किसी तरह का कोई टकराव नहीं है।

संसदीय कार्य मंत्री से चर्चा के बाद राजभवन से विशेष सत्र बुलाने की अनुमति मिल गई। विधानसभा सचिवालय ने देर शाम दो दिनी सत्र के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र के दौरान सरकार केन्द्रीय कृषि कानूनों से अलग हटकर नया कानून बनाने जा रही है। ताकि किसानों के हितों की रक्षा हो सके और केन्द्र सरकार के साथ टकराव भी न हो। पंजाब सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दर पर उपज की खरीदी पर सजा का भी प्रावधान रखा है। यह विधेयक विवादों में घिर गया है, और इसका राज्यपाल से मंजूरी मिलने की संभावना नहीं हैं।

 छत्तीसगढ़ सरकार विधेयकों को लेकर ऐसा कुछ नहीं करना चाहती, जिससे कानूनी अड़चन पैदा हो, और विधेयक खटाई में पड़ जाए। मसलन, मंडी को लेकर राज्य सरकार को काफी अधिकार है। सरकार मंडी कानून में संशोधन कर सकती है, ताकि किसानों को उपज की बेहतर कीमत मिल सके। सरकार श्रमिकों के अधिकारों को लेकर भी एक्ट में कुछ संशोधन करने जा रही है। ताकि कारखानेदार श्रमिकों की मनमानी छटनी नहीं कर सके। 

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