महाराणा प्रताप जयंती पर निकाली गई भव्य शोभा यात्रा,युवाओं ने किया शौर्य प्रदर्शन,जीवंत झांकी रहे आकर्षण का केंद्र

Shri Mi
4 Min Read

बिलासपुर।सर्व राजपूत क्षत्रिय समाज बिलासपुर ने क्षत्रिय कुल गौरव महाराणा प्रताप की जयंती उल्लास व उमंग के साथ मनाया गया .जयंती पर्व के उपलक्ष में लालबहादुर शास्त्री स्कूल से गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा का रास्ते भर स्वागत किया गया ।महाराणा प्रताप की जीवंत झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। इस दौरान समाज के युवाओं एवं महिलाओं ने शौर्य का प्रदर्शन किया । शोभायात्रा लाल बहादुर स्कूल से निकल कर मानसरोवर चौक ,सदर बाजार ,गोल बाजार, संतोष भुवन, देवकीनंदन सदर, चाटापारा होते हुए नेहरू चौक पहुंची।नेहरू चौक् से समाज के लोगो ने विभिन्न वाहनों के द्वारा महाराणा प्रताप चौक पहुँचे

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

यहां महाराणा प्रताप जी का माल्यार्पण करने के बाद शोभायात्रा का समापन हुआ।डीजे वह धुमाल में देश प्रेम एवं वीर रस की धुनों के साथ राजपूत समाज का कारवाँ आगे बढ़ता गया। रास्ते भर शोभा यात्रा का विभिन्न समाज सेवी संगठन एवं अन्य् समाज के लोगों ने स्टाल लगाकर शरबत एवं फल से शोभा यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत किया। शोभा यात्रा के दौरान समाज के युवक युवतियांशोभा यात्रा के दौरान समाज के युवक-युवतियां पारम्परिक भेष भूषा मे रहे.

समाज के रौशन सिंह ने बताया कि भारत माता की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले राजपूत समाज ने कई वीरों को जन्म दिया है। शौर्य् वीर वीरांगनाओं में महाराणा प्रताप जी का शौर्य पराक्रम सर्वोपरि है । महाराणा प्रताप के पराक्रम के किस्से और उनके संघर्ष की गाथा आज भी एक सच्चे सेवक राष्ट्रवादी के रोंगटे खड़े करती है ,अमर राष्ट्र नायक दृढ़ प्रतिज्ञ स्वाधीनता के लिए आजीवन मुगलों से लोहा लेने वाले महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के उन नायकों में से हैं जिनके किस्से हमें गौरवान्वित करते हैं ,अमर राष्ट्र नायक दृढ़ प्रतिज्ञ स्वाधीनता के लिए आजीवन मुगलों से लोहा लेने वाले महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के उन नायकों में से हैं जिनके किससे हमें गौरवान्वित करते हैं।

राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में जन्मे महाराणा प्रताप अनुशासनशील थे उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता निडर प्रवृत्ति अद्वितीय थी ,उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता निडर प्रवृत्ति अद्वितीय थी उन का घोड़ा चेतक भी विश्व प्रसिद्ध जिन्होंने महाराणा को अपनी पीठ पर बैठाकर 26 फीट ऊंचाई से छलांग लगाई थी ,महाराणा प्रताप को कभी भी अकबर की दासता मंजूर नहीं थी इसलिए वे आजीवन अकबर से युद्ध लड़ते रहे।हल्दीघाटी की ऐतिहासिक युद्ध के लिए महाराणा प्रताप एवं उनके परिवार की कुर्बानी आज भी समाज को याद है और हमेशा याद रहेगा । सर्व राजपूत क्षत्रिय समाज अपने महापुरुषों के गौरव गाथा का हमेशा सम्मान करते हुए आगे भी निरंतर् अपने समाज का इतिहास को जागृत रखेगा.

शोभा यात्रा में मुख्य रूप से समाज के वरिष्ठ धर्मजीत सिंह, रश्मि सिंह, आशीष सिंह, रजनीश सिंह ,राजू सिंह क्षत्रिय ,अरुण चौहान , विक्रम सिंह ,आलोक सिंह , तमेश सिंह , संतोष सिंह,रविंद्र सिंह,अजय सिंह,प्रियंक सिंह, तुकेश सिंह,चित्तू सिंह,राजेश सिंह,विनोद सिंह, जयप्रकाश सिंह, शक्ति सिंह, प्रकाश सिंह, विशाल सिंह, अतुल सिंह ,कमल सिंह, रौशन सिंह, धनंजय सिंह, शिवपूजन सिंह ,प्रदीप सिंह,बसंत सिंह ,लवी सिंह ,अंकुर सिंह, प्रताप सिंह,रंजीत सिंह,विकास सिंह शामिल थे।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close